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राजस्थान : राजस्थान पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभाग 2 अक्टूबर से जयपुर में गांधी दर्शन संग्रहालय (गांधी वाटिका) के संचालन की जिम्मेदारी संभालेगा। जयपुर के सेंट्रल पार्क में स्थित गांधी वाटिका संग्रहालय का प्रबंधन वर्तमान में जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाता है। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गांधी वाटिका के संचालन में सुधार के उद्देश्य से एक समिति के गठन के निर्देश दिए हैं। यह समिति नियमित रूप से वाटिका के संचालन की देखरेख करेगी और महात्मा गांधी के मूल्यों के प्रचार-प्रसार के लिए सुझाव देगी।
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विज्ञप्ति में कहा गया है कि समिति के गठन के साथ ही पुरातत्व, संग्रहालय और पर्यटन विभाग के विशेषज्ञों की विशेषज्ञता का उपयोग वाटिका के उत्कृष्ट प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा। पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभाग के सचिव रवि जैन ने बताया कि विभाग डिजिटल और नवीन प्रौद्योगिकी के माध्यम से महात्मा गांधी की जीवन यात्रा को प्रदर्शित करेगा। विज्ञप्ति में कहा गया है, संग्रहालय का एक भाग भारत में अंग्रेजों के आगमन और गांधी के दक्षिण अफ्रीका प्रवास पर केंद्रित होगा, दूसरा भाग भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ आंदोलनों पर प्रकाश डालेगा और तीसरा भाग गांधी के दार्शनिक साहित्य को प्रदर्शित करेगा।
पर्यटन सचिव ने कहा कि 85 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित गांधी वाटिका संग्रहालय को पर्यटन विभाग की सूची में शामिल किया जाएगा और देश-विदेश के पर्यटकों के लिए वाटिका देखने की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा, सत्य और अहिंसा के संदेशों का प्रचार करने के लिए गांधी के दर्शन पर आधारित विभिन्न फिल्में दिखाई जाएंगी। बता दें कि, गांधी के सत्य और अहिंसा के संदेशों का प्रचार करने के लिए विभिन्न फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा, जो उनके विचारों और दृष्टिकोणों पर आधारित होंगी।
इस पहल के तहत, संग्रहालय को अधिक आकर्षक और जानकारीपूर्ण बनाने के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं।इस प्रकार, गांधी वाटिका संग्रहालय का संचालन अब नए आयामों के साथ होगा, जो न केवल महात्मा गांधी के विचारों को जीवित रखेगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी उनके महान सिद्धांतों से जोड़ने का काम करेगा। राजस्थान सरकार का यह कदम राज्य के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।