Rajkumar Rao को 8 साल पुराना मामला पड़ा भारी, जालंधर कोर्ट में किया सरेंडर – जानिए पूरा विवाद
बॉलीवुड के टैलेंटेड और संजीदा कलाकारों में शुमार Rajkumar Rao इन दिनों एक बार फिर चर्चा में हैं। लेकिन इस बार वजह कोई नई फिल्म या अवॉर्ड नहीं, बल्कि एक आठ साल पुराना कानूनी विवाद है। एक्टर को हाल ही में पंजाब के जालंधर कोर्ट में पेश होना पड़ा, जिसकी वजह 2017 में आई उनकी फिल्म ‘बहन होगी तेरी’ से जुड़ा मामला है। चलिए जानते हैं आखिर ये पूरा मामला क्या है और क्यों अब जाकर राजकुमार राव को कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा।
आखिर क्या है पूरा मामला?
साल 2017 में रिलीज हुई फिल्म ‘बहन होगी तेरी’ में एक सीन में राजकुमार राव भगवान शिव के गेटअप में बाइक चलाते हुए नजर आए थे। फिल्म के इस सीन को लेकर जालंधर निवासी एक व्यक्ति ने धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि भगवान शिव की वेशभूषा में बाइक चलाना अपमानजनक है और इससे हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंची है। इसी आरोप के चलते राजकुमार राव समेत फिल्म के निर्देशक अजय पन्नालाल और निर्माता टोनी डिसूजा पर FIR दर्ज की गई थी।

कोर्ट से समन और फिर गिरफ्तारी वारंट
इस मामले में जालंधर की कोर्ट ने Rajkumar Rao को समन जारी किया था। हालांकि, तब राजकुमार कोर्ट में पेश नहीं हो सके। रिपोर्ट्स के मुताबिक, समन की सूचना उनके पास तक नहीं पहुंच पाई थी। कोर्ट में हाजिर न होने के कारण राजकुमार राव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया था। इससे मामला और भी गंभीर हो गया और अब जब अभिनेता को इस पूरे विवाद की जानकारी हुई, तो उन्होंने खुद ही कोर्ट में सरेंडर करने का फैसला किया।

नकाब पहनकर पहुंचे कोर्ट
सूत्रों की मानें तो राजकुमार राव हाल ही में जालंधर कोर्ट में चुपचाप नकाब पहनकर पहुंचे। मीडिया से बचते हुए उन्होंने कोर्ट में हाजिरी दी और केस को लेकर अपना पक्ष रखा। उनके वकील दर्शन सिंह दयाल ने कोर्ट में दलील दी कि अभिनेता मुंबई में रहते हैं और उन्हें समन की जानकारी नहीं मिल पाई थी। जैसे ही उन्हें इस केस की जानकारी मिली, वे खुद पेश होने के लिए सामने आए।

अगली सुनवाई 30 जुलाई को
राजकुमार राव के वकील की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने अभिनेता को अंतरिम जमानत दे दी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई 2025 को होगी। कोर्ट इस दौरान अभिनेता और अन्य आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर आगे की कार्यवाही करेगा।
इस मामले में सिर्फ राजकुमार राव ही नहीं, बल्कि फिल्म के निर्देशक अजय पन्नालाल और निर्माता टोनी डिसूजा को भी पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार किया था। हालांकि बाद में उन्हें भी जमानत मिल गई थी। मामला 8 साल से लंबित था, लेकिन राजकुमार राव का इसमें अब नाम फिर से चर्चा में आया है।

क्यों गंभीर हो जाता है ऐसा मामला?
भारतीय कानून में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना एक गंभीर अपराध माना जाता है। IPC की धारा 295A के तहत अगर किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाएं जानबूझकर आहत की जाती हैं, तो इसमें सजा और जुर्माने दोनों का प्रावधान होता है। ऐसे में फिल्मों या वेब सीरीज में जब धर्म से जुड़ी चीजें दिखाई जाती हैं, तो फिल्ममेकर्स को काफी सावधानी बरतनी होती है।

क्या बोले राजकुमार राव?
फिलहाल राजकुमार राव की तरफ से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि उनके वकील की दलील से साफ है कि अभिनेता इस मामले को लेकर गंभीर हैं और कानून का पूरा सम्मान करते हुए नियमों का पालन कर रहे हैं।

फिल्मों से दूर कानूनी लड़ाई में उलझे राजकुमार
राजकुमार राव को आमतौर पर उनकी शानदार एक्टिंग और शांत मिजाज के लिए जाना जाता है। उन्होंने ‘न्यूटन’, ‘स्त्री’, ‘शाहिद’, ‘ट्रैप्ड’ जैसी फिल्मों में दमदार अभिनय किया है। ऐसे में उनका इस तरह कानूनी पचड़े में फंसना न सिर्फ उनके लिए बल्कि उनके प्रशंसकों के लिए भी चौंकाने वाला है। राजकुमार राव के लिए ये मामला अब एक संवेदनशील मोड़ पर आ चुका है। जहां एक ओर उनका फिल्मी करियर ऊंचाइयों पर है, वहीं दूसरी ओर 8 साल पुराना विवाद फिर से उनके लिए सिरदर्द बन गया है। हालांकि, उन्होंने कोर्ट में सरेंडर करके जिम्मेदारी निभाने का उदाहरण जरूर पेश किया है। अब देखना होगा कि 30 जुलाई की सुनवाई में कोर्ट क्या फैसला सुनाता है।
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