राजनाथ ने रेजांग ला में युद्ध स्मारक का किया उद्घाटन, कहा - भारतीय सेना का अदम्य साहस अमर रहेगा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला में स्थित युद्ध स्मारक का सौन्दर्यीकरण के बाद बृहस्पतिवार को उद्घाटन किया। इसी स्थान पर भारतीय सैनिकों ने 1962 में चीनी सेना का बहादुरी से मुकाबला किया था।
05:19 PM Nov 18, 2021 IST | Ujjwal Jain
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला में स्थित युद्ध स्मारक का सौन्दर्यीकरण के बाद बृहस्पतिवार को उद्घाटन किया। इसी स्थान पर भारतीय सैनिकों ने 1962 में चीनी सेना का बहादुरी से मुकाबला किया था।
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रेजांग ला की लड़ाई ऐतिहासिक – राजनाथ
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सिंह ने इस युद्ध स्मारक को भारतीय सेना द्वारा प्रदर्शित दृढ़ संकल्प और अदम्य साहस का उदाहरण बताया और कहा कि ‘‘यह ना सिर्फ इतिहास के पन्नों में अमर है, बल्कि हमारे दिलों में भी जिंदा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘18,000 फुट की ऊंचाई पर लड़ी गयी रेजांग ला की ऐतिहासिक लड़ाई की कल्पना आज भी करना मुश्किल है। मेजर शैतान सिंह और उनके सैनिकों ने ‘अंतिम गोली, अंतिम सांस’ तक लड़ाई लड़ी और साहस तथा बहादुरी का नया अध्याय लिखा।’’
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आज लद्दाख़ की दुर्गम पहाड़ियों के बीच स्थित रेजांग ला पहुँच कर 1962 की लड़ाई में जिन 114 भारतीय सैनिकों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था, उन बहादुर सैनिकों की स्मृतियों को नमन किया। रेज़ांग ला का युद्ध, विश्व की दस सबसे महान और चुनौतीपूर्ण सैन्य संघर्षों में से एक माना जाता है। pic.twitter.com/9QushWdU4K
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) November 18, 2021
रक्षा मंत्री ने बलिदान देने वाले सैनिकों को दी श्रद्धांजलि
रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया कि उन्होंने 1962 के युद्ध में लद्दाख के दुर्गम क्षेत्र में स्थित रेजांग ला तक पहुंचने के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, ‘‘रेजांग ला के युद्ध को दुनिया के 10 महानतम और सबसे चुनौतीपूर्ण सैन्य संघर्षों में से एक माना जाता है।’’
Paid tributes to India’s bravehearts at Rezang La today. The nation will never forget their courage, valour and supreme sacrifice. pic.twitter.com/0k0M2glQhJ
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) November 18, 2021मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे रेज़ांग ला की लड़ाई में बहादुरी से लड़े ब्रिगेडियर (रिटा.) आर. वी. जटार से भेंट करने का अवसर मिला। वे उस समय कम्पनी कमांडर थे।उनके प्रति सम्मान के भाव से मैं अभिभूत हूँ और उनके साहस को मैं नमन करता हूँ। ईश्वर उन्हें स्वस्थ रखे और दीर्घायु करें। pic.twitter.com/XoCLUGdzVr— Rajnath Singh (@rajnathsingh) November 18, 2021पिछले डेढ़ साल से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर है गतिरोधसौन्दर्यीकरण के बाद स्मारक को ऐसे समय पर जनता के लिए खोला गया है जबकि भारत और चीन के बीच पिछले डेढ़ साल से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। चीन के आक्रामक रवैये और भारतीय सैनिकों को डराने के असफल प्रयास के बाद भारतीय सेना ने पिछले साल अगस्त में रेजांग लां क्षेत्र की कई पर्वत चोटियों पर नियंत्रण कर लिया। दोनों देशों के बीच गतिरोध पिछले साल पांच मई को शुरू हुआ था।

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