जनसंवाद रैली में बोले राजनाथ सिंह-भारत और नेपाल के बीच 'रोटी-बेटी' का संबंध
राजनाथ सिंह ने कहा, भारत 2013 में अर्थव्यवस्था के मामले में दुनिया में 9 वें स्थान पर था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ 5 साल के भीतर इसे 5 वें स्थान पर लाने में सफल रहे।
01:18 PM Jun 15, 2020 IST | Desk Team
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को ‘जनसंवाद रैली’ के माध्यम से उत्तराखंड के बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे पड़ोसी देश नेपाल में कुछ गलतफहमियां पैदा हुई हैं। भारत और नेपाल के बीच का संबंध एक सामान्य संबंध नहीं है, बल्कि ‘रोटी’ और ‘बेटी’ का है।
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उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए कहा, भारत-नेपाल का रिश्ता ‘रोटी-बेटी’ का है। दुनिया की कोई भी ताकत इस रिश्ते को तोड़ नहीं सकती। मैं विश्वास के साथ कहना चाहता हूं कि भारतीयों के मन में कभी भी नेपाल को लेकर किसी भी प्रकार की कटुता पैदा हो ही नहीं सकती है। इतना गहरा संबंध हमारे साथ नेपाल का है। हम मिल बैठकर इन सब समस्याओं का समाधान करेंगे।
राजनाथ सिंह ने कहा, भारत 2013 में अर्थव्यवस्था के मामले में दुनिया में 9 वें स्थान पर था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ 5 साल के भीतर इसे 5 वें स्थान पर लाने में सफल रहे। हमारा उद्देश्य अर्थव्यवस्था के आकार के मामले में भारत को दुनिया के शीर्ष 3 देशों में लाना है।
उन्होंने कहा कि कई विकसित देश कोविद-19 के कारण बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। लेकिन मैं पीएम मोदी को उस इच्छाशक्ति के लिए बधाई देना चाहता हूं जिसके साथ उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया। इससे लड़ने के लिए हमने जो उपाय किए हैं, उनकी न केवल भारत में बल्कि डब्ल्यूएचओ द्वारा भी सराहना की जा रही है।
उन्होंने कहा, मानसरोवर यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए भारत सरकार ने एक सुविधा उपलब्ध कराई है। पहले मानसरोवर जाने वाले यात्री सिक्किम के नाथुला का रूट लेकर जाते थे, जिससे अधिक समय लगता था। बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ने लिपुलेख तक एक लिंक रोड का निर्माण किया, जिससे मानसरोवर जाने के लिए एक नया रास्ता खुल गया। पहले यात्रा के मुकाबले अब 6 दिन कम समय में मानसरोवर की यात्रा होगी।
अगर लिपुलेख से धारचूला तक सड़क निर्माण के कारण नेपाल के लोगों में कोई गलत धारणा पैदा हो गई है, तो हम एक साथ बैठकर और बातचीत करके इसका समाधान निकालेंगे। लेकिन मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि नेपाल के प्रति भारतीयों में कभी कटुता नहीं हो सकती।
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