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राम रहीम बने कैदी नंबर 1997

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10:22 AM Aug 27, 2017 IST | Desk Team

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रोहतक: जिस व्यक्ति की सुबह हजारों लोगों के बीच आंखे खुलती थी आज जब उसकी आंख खुली तो चारो तरफ सिर्फ जेल की चार दीवारी थी। सुनारिया जिला कारागार में बंद साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी ठहरा गए गए डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम रात भर सौ नहीं पाए और उन्होंने रात का खाना भी नहीं खाया। हालांकि शनिवार सुबह ग्रीन टी के साथ उन्होंने दिन की शुरू की। बताया जा रहा है कि बाबा रात बैरक में ही करवट बदलते रहे। जेल अधिकारियों का दावा है कि जेल मैन्युअल के अनुसार ही उन्हें सुविधाएं दी जा रही है। साथ ही पीजीआई द्वारा गठित डाक्टरों की विशेष टीम ने बाबा का मेडिकल किया।

जेल प्रशासन ने बाबा को कैदी नंबर 1997 अलॉट किया है और जब तक वह सुनारियां जेल में रहेंगे, उनकी यहीं पहचान रहेगी। अल्प सुबह ही बाबा ने सहयोगी कैदी से बातचीत की और इसके बाद उन्होंने ग्रीन टी के साथ सुबह की शुरूआत की। दिन भर भी बाबा पूरी तरह से बेचन रहे और उन्होंने दोपहर के भोजन सिर्फ एक रोटी खाई। दोपहर के खाने में बाबा को दाल, आलू की सब्जी व दो रोटी दी गई थी। बताया जा रहा है कि डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें आरो सिस्टम का पानी दिया गया है।

जब बाबा जेल पहुंचे तो वह चुपचाप होकर बैरक में बैठ गए। नियमानुसार रात दस बजे जेल की बती बंद कर दी गई। इसके बावजूद भी बाबा को नींद नहीं आई और करीब 11 बजे वह उठकर बैठ गए। इसी बीच सहयोगी कैदी ने उन्हें पीने के लिए दूध दिया। शनिवार सुबह बाबा के दिन की शुरूआत ग्रीन टी के साथ हुई और उन्हें जेल मैन्युअल के हिसाब से दोपहर को भोजन दिया गया। जेल डीजी केपी सिंह का कहना है कि जेल मैन्युअल के हिसाब से अन्य कैदियों की तरह ही बाबा को जेल में रखा गया है। उन्हें कोई विशेष सुविधा नहीं दी गई है।

(मनमोहन कथूरिया)

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