मां दुर्गा का पंडाल या चर्च! हिंदुओं का फूटा गुस्सा, पुलिस-प्रशासन अलर्ट, जानें कहां शुरू हुआ ये विवाद
Ranchi Durga Puja Pandal: शारदीय नवरात्रि शुरू हो चुकी है। इस नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस बीच, देश भर में देवी दुर्गा को समर्पित भव्य पंडाल बनाए जा रहे हैं। कई जगहों पर पंडालों को अनोखा रूप देने के लिए अनोखी थीम पर पंडाल बनाए जा रहे हैं। इसी बीच, झारखंड की राजधानी रांची चर्चा में है। यहां का दुर्गा पंडाल चर्चा का विषय बना हुआ है। देवी दुर्गा को समर्पित इस अनोखे पंडाल ने विवाद खड़ा कर दिया है।
लोग सोशल मीडिया से लेकर बाज़ारों तक इसकी जमकर आलोचना कर रहे हैं। तो चलिए जानते है क्या है इस पूजा पंडाल का पूरा विवाद, जिसको लेकर मामला गरमाया हुआ है। पंडाल को लेकर हिंदुओं में गुस्सा है।
Jharkhand News Today: किस वजह से हिंदुओं को पहुंचा ठेस?

बता दें कि रांची के रातू स्थित RRR स्पोर्टिंग क्लब की तरफ से बनाएं गए दुर्गा पूजा पंडाल ने इस साल एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। पंडाल को इटली के रोम में स्थित वेटिकन संग्रहालय के तौर पर तैयार किया गया है, जिसको लेकर विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच, जनजाति सुरक्षा मंच आदि संगठनों ने कड़ा विरोध किया है। हिंदुओं संगठनों का कहना है कि दुर्गा पूजा पंडाल को चर्च का रूप देना हिंदू आस्था और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता है।
Durga Puja Pandal News Ranchi: क्या है पंडाल विवाद?

इस मामले को लेकर हिंदू संगठनों प्रवक्ता ने एक्स पोस्ट को लेकर आरोप लगाया है कि जेएमएम नेता के नेतृत्व में बना ये पंडाल, "कोई पूजा पंडाल नहीं बल्कि "धर्मांतरण का अड्डा" बन गया है। उन्होंने इसे हिन्दुओं की आस्था के साथ सरकारी खेल बताया है. उन्होंने आगे इस पूजा पंडाल का विरोध करते हुए कहा कि हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा।
Ranchi Durga Puja Pandal: पंडाल आयोजक का बयान

पूजा पंडाल के आयोजकों के मुताबिक़ यह पंडाल 85 लाख रुपये की लागत से तैयार किया गया है। यह शहर के सबसे महंगे पंडालों में से एक है। इसकी लंबाई 100 फीट और चौड़ाई 45 फीट है। इसके निर्माण में 70-80 कारीगर युद्धस्तर पर लगे हुए हैं। पंडाल में भव्य लाइटिंग की व्यवस्था है और इसके चारों ओर खाने-पीने के कई स्टॉल लगे हैं। हालांकि, आयोजक पंडाल के अध्यक्ष का कहना है कि यह पंडाल पूरी तरह से पर्यायवरण अनुकूल है। इसे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उदेश्य से नहीं बनाया गया है।