Ranchi Jail Viral Video : रांची जेल के दो कैदियों का डांस वीडियो वायरल, Babulal Marandi ने हेमंत सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
Ranchi News: रांची की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में दो ‘रसूखदार’ कैदियों के डांस का वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो में शराब घोटाले को लेकर जेल में बंद छत्तीसगढ़ के कारोबारी विधु गुप्ता और जीएसटी घोटाले का आरोपी जमशेदपुर निवासी विक्की मस्ती में डांस करते दिख रहे हैं। बुधवार को यह मामला सामने आने के बाद झारखंड के जेल महकमे में हड़कंप मच गया। जेल आईजी ने जेलर देवनाथ राम और जमादार विनोद कुमार को निलंबित कर दिया। इस मामले को लेकर अब राज्य में सियासत गरमा गई है। विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस घटनाक्रम को लेकर राज्य की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
विपक्ष ने राज्य सरकार पर लगाए गंभीर आरोप (Ranchi Jail Viral Video)
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार के संरक्षण में कुछ नामचीन कैदी, जेल विभाग के पदाधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से जेल के भीतर अवैध गतिविधियां और ऐश-अय्याशी चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने सरकार को पहले भी इस बात पर चेताया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बल्कि, जेल में गैरकानूनी गतिविधियों पर रोक लगाने की कोशिश करने वाले अधिकारी रॉबर्ट निशांत बेसरा का तबादला कर दिया गया। मरांडी ने कहा कि वायरल वीडियो के सामने आने के बाद सिर्फ दो कर्मचारियों को निलंबित कर खानापूर्ति की गई है। उन्होंने सवाल उठाया कि हजारीबाग जेल में गड़बड़ी के कारण निलंबित किए गए कारापाल दिनेश वर्मा को मात्र 20 दिन के भीतर निलंबन मुक्त कर बिरसा मुंडा जेल का प्रभारी कारापाल क्यों बना दिया गया?
जेल प्रशासन पर उठे सवाल (Ranchi News)
मरांडी ने कहा, “जेल में चल रहा यह गंदा खेल छोटे कर्मचारियों के बस की बात नहीं है। बिना उच्चाधिकारियों की अनुमति, सहमति और हिस्सेदारी के यह संभव नहीं है। इसके लिए जेल आईजी सीधे जिम्मेदार हैं और उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई होनी चाहिए।”उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिस हाई-प्रोफाइल कैदी का डांस करते हुए वीडियो वायरल हुआ है, उसे समय पर चार्जशीट दाखिल न करने के कारण जमानत दिलाने में एसीबी व सीआईडी के पूर्व डीजीपी की भूमिका रही थी। मरांडी ने झारखंड हाईकोर्ट से पूरे मामले पर स्वतः संज्ञान लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि 'जेलों में चल रहे इस खेल' और उच्चाधिकारियों की संलिप्तता की जांच सिटिंग जज की निगरानी में कराई जानी चाहिए।