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इंटरनेट सेवा पर राज्यों की होगी रैंकिंग

सुंदरराजन ने कहा कि शोध कंपनी इक्रियर की रिपोर्ट के अनुसार 100 अरब डॉलर के निवेश से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर गुणक प्रभाव सात गुना रहेगा।

12:51 PM Dec 17, 2018 IST | Desk Team

सुंदरराजन ने कहा कि शोध कंपनी इक्रियर की रिपोर्ट के अनुसार 100 अरब डॉलर के निवेश से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर गुणक प्रभाव सात गुना रहेगा।

नई दिल्ली : सरकार राज्यों की ब्रॉडबैंड क की तैयारी पर सूचकांक जारी करने की योजना बना रही है। यह सूचकांक बुनियादी ढांचा, मंजूरी प्रक्रिया तथा द्रुत गति के इंटरनेट के इस्तेमाल के मानकों के आधार पर तैयार किया जाएगा। दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने यह जानकारी दी। सुंदरराजन ने कहा कि शोध कंपनी इक्रियर की रिपोर्ट के अनुसार 100 अरब डॉलर के निवेश से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर गुणक प्रभाव सात गुना रहेगा।

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इसके लिए राष्ट्रीय मिशन की जरूरत है। हम राज्यों के लिए ब्रॉडबैंड तैयारी सूचकांक जारी करेंगे, जो निवेश की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने भी तैयारी सूचकांक में रुचि दिखाई है और वे इसका और विस्तार करना चाहते हैं। दूरसंचार विभाग राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति (एनडीसीपी) के क्रियान्वयन के लिए पहली कार्यशाला का आयोजन करने जा रहा है।

इस नीति में 2022 तक दूरसंचार क्षेत्र में 100 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित करने, प्रत्येक नागरिक को न्यूतम 50 मेगाबिट प्रति सेकेंड की रफ्तार वाली इंटरनेट संपर्क सुविधा कराने और 40 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने का लक्ष्य है। सुंदरराजन ने कहा कि यह एनडीसीपी के क्रियान्वयन की तैयारियों पर पहली राष्ट्रीय कार्यशाला होगी। 25 राज्यों ने इसमें भाग लेने की पुष्टि की है।

इसमें हम राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन पेश करेंगे जिसका लक्ष्य सभी को ब्रॉडबैंड उपलब्ध कराना होगा। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला में उद्योग के लोग और एसोसिएशनें उनके समक्ष आने वाले मुद्दों पर विचार करेंगी। खासकर दूरसंचार ढांचे के लिए आने वाली दिक्कतों पर विचार किया जाएगा, क्योंकि इससे निवेश प्रभावित होता है।

सुंदरराजन ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि 5जी सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं रहे। यह ग्रामीण इलाकों तक भी पहुंचे। इसके लिए हमें राज्यों के साथ बात करनी होगी ताकि आप्टिल फाइबर की शत प्रतिशत पहुंच सुनिश्चित की जा सके। आप्टिकल फाइबर की पहुंच के बिना 5जी सेवाओं का विस्तार नहीं किया जा सकता। राज्यों को इसके लिए सुगम तरीके से रास्ते की अनुमति देनी होगी।

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