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बन रहा दुर्लभ संयोग,करवा चौथ पर सरगी खाने का शुभ मुहूर्त जाने सही विधि

करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से पहले सरगी खाकर की जाती है। ये सरगी सास अपनी बहू को देती है। ऐसे में आइए जानते हैं करवा चौथ की सरगी क्या है, इसे खाने का क्या महत्व है और सरगी खाने का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा…?

10:24 AM Oct 12, 2022 IST | Desk Team

करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से पहले सरगी खाकर की जाती है। ये सरगी सास अपनी बहू को देती है। ऐसे में आइए जानते हैं करवा चौथ की सरगी क्या है, इसे खाने का क्या महत्व है और सरगी खाने का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा…?

करवा चौथ के दिनसुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और शाम के समय पूजा करती हैं। रात में चांद को देख कर पूजा के बाद सुहागिन महिलाएं व्रत खोलती हैं। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि जो सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखकर विधि-विधान से पूजा करती हैं, उन्हें अखंड सौभाग्यवी होने का वरदान मिलता है। 
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प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। इस साल 13 अक्टूबर को करवा चौथ है। करवा चौथ का व्रत सूर्योदय से पहले सरगी खाकर की जाती है। ये सरगी सास अपनी बहू को देती है। ऐसे में आइए जानते हैं करवा चौथ की सरगी क्या है, इसे खाने का क्या महत्व है और सरगी खाने का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा…?
करवा चौथ के व्रत में चंद्र देवता की पूजा की जाती है।ऐसे में इस दिन चंद्र देवता की पूजा करने से पहले पूजा की थाली में अवश्य सजाएं, पूजा की थाली में मिट्टी के दो दीपक, छलनी, कांस की तीलियां, लोटे में जल, सिंदूर, मिष्ठान्न, अक्षत सहित धूप कपूर और पूजन की सभी सामग्री रखें।
करवा चौथ की सरगी सास अपनी बहू को देती है।सरगी में रखे गए व्यंजनों को ग्रहण करके ही दिनभर निर्जला उपवास रहा जाता है। फिर रात में चांद की पूजा करने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है।सरगी एक प्रकार की थाली होती है, जिसमें खाने की कुछ चीजें होती हैं। सरगी की थाली में खाने के अलावा 16 श्रृंगार की समाग्री, ड्रायफ्रूट्स, फल, मिष्ठान आदि होते हैं।
सरगी खाने का शुभ मुहूर्त 
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, करवा चौथ के दिन प्रातः सूर्योदय से पहले यानी भोर में 4 से 5 बजे के बीच सरगी ग्रहण कर लेना चाहिए। सरगी खाने का शुभ मुहूर्त 13 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 46 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 36 मिनट तक है। 
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