Chris Gayle नहीं Abhishek Sharma हैं Universe Boss: Ravi Ashwin
Ravi Ashwin on Indian Cricket: ऑस्ट्रेलिया के स्पिनर Nathan Lyon हाल ही में चर्चा में रहे जब उन्हें एशेज के दूसरे टेस्ट में बाहर कर दिया गया। टीम से बाहर होने पर उन्होंने खुलकर कहा कि वह इस फैसले से “बहुत खराब” महसूस कर रहे थे। इस पर भारत के दिग्गज स्पिनर Ravichandran Ashwin ने एक अलग ही मुद्दा उठाया, जो भारतीय क्रिकेटरों की सोच और माहौल से जुड़ा हुआ है।
Ravi Ashwin on Indian Cricket: ऑस्ट्रेलिया में खुलकर बोलना आसान, भारत में नहीं?

Ravichandran Ashwin ने कहा कि Nathan Lyon जैसे खिलाड़ी इसलिए खुलकर बोल पाते हैं क्योंकि वहां के क्रिकेट माहौल में खिलाड़ियों को अपनी भावनाएँ व्यक्त करने की आज़ादी दी जाती है। उन्होंने बताया कि अगर कोई भारतीय खिलाड़ी ऐसी ही बात कहे, तो उसे गलत नजर से देखा जा सकता है।
अश्विन के मुताबिक, भारत में खिलाड़ी अगर अपने मन की बात कर दें, तो उन्हें अक्सर “रवैये वाला खिलाड़ी” या “टीम से बड़ा खुद को समझने वाला” कह दिया जाता है। इस वजह से कई खिलाड़ी भावनाएँ मन में ही दबा लेते हैं। उन्होंने कहा कि लायन ने भावनाएँ जाहिर कीं और फिर भी उन्हें टीम मैनेजमेंट से सम्मान मिलता रहेगा, लेकिन यह आज़ादी भारत में उतनी आसानी से नहीं मिलती।
अश्विन ने यह भी बताया कि भारतीय खिलाड़ियों को भले ही राय देने से नहीं रोका जाता, लेकिन वे जानते हैं कि उनके हर बयान का असर उनके करियर पर पड़ सकता है। इसलिए ज्यादातर खिलाड़ी बोलने से पहले कई बार सोचते हैं।
Ravi Ashwin on Indian Cricket: क्या भारत अपने खिलाड़ियों को स्वीकारना सीख पाएगा?

अश्विन ने एक दिलचस्प उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि Chris Gayle जैसे विदेशी खिलाड़ी जब खुद को “यूनिवर्स बॉस” कहते हैं, तो दुनिया उसे मज़ेदार अंदाज़ में स्वीकार करती है। लेकिन अगर कोई भारतीय खिलाड़ी, जैसे अभिषेक शर्मा, वही बात करे, तो लोग उसे घमंडी मानेंगे।
अश्विन के अनुसार, भारतीय दर्शक और मीडिया अपने खिलाड़ियों को उसी आत्मविश्वास के साथ स्वीकारने के लिए तैयार नहीं होते, जैसा विदेशी खिलाड़ियों के साथ होता है। हमारे दिमाग में एक तरह की सोच बैठी होती है कि भारतीय खिलाड़ियों का इतना बोल्ड होना ठीक नहीं।

उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में यह सोच बदलेगी और भारतीय खिलाड़ियों को भी अपनी भावनाएँ खुलकर जाहिर करने की आज़ादी और सम्मान मिलेगा।
इसी बीच, ऑस्ट्रेलिया ने नाथन लायन को बाहर रखकर भी दूसरा टेस्ट आसानी से जीत लिया। उनकी जगह खेलने वाले माइकल नीसर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरी पारी में पाँच विकेट लिए। इससे यह साफ होता है कि टीम में बदलाव हमेशा Negative नहीं होते , लेकिन खिलाड़ी की भावनाएँ फिर भी सम्मान की हकदार होती हैं।
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