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Ravneet Singh Bittu News: रेलवे ने कादियान-ब्यास रेल लाइन का काम डीफ्रीज किया : केंद्रीय रेल राज्य मंत्री श्री रवनीत सिंह बिट्टू

04:51 PM Dec 06, 2025 IST | Himanshu Negi
Ravneet Singh Bittu News (source: social media)

Ravneet Singh Bittu News:  रेलवे ने लंबे समय से लंबित 40 किलोमीटर लंबी कादियान-ब्यास रेल लाइन पर काम दोबारा शुरू करने का फैसला किया है। केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने अधिकारियों को इस परियोजना को “डीफ्रीज” करने के निर्देश दिए हैं। पहले यह परियोजना संरेखण की चुनौतियों, भूमि अधिग्रहण में बाधाओं और स्थानीय स्तर की राजनीतिक जटिलताओं के कारण “फ्रीज” श्रेणी में डाल दी गई थी। रेलवे की भाषा में किसी प्रोजेक्ट को “फ्रोजन” करना मतलब उसे ठंडे बस्ते में डाल देना है, क्योंकि विभिन्न कारणों से आगे बढ़ना संभव नहीं रह जाता। “डीफ्रीज” करने का मतलब है परियोजना को पुनर्जन्म देना—सभी अड़चनों को दूर करने के बाद काम फिर शुरू हो जाता है।

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Ravneet Singh Bittu News

Ravneet Singh Bittu News (source: social media)

बिट्टू ने कहा कि हमारे पूज्य प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, गृह मंत्री श्री अमित शाह जी और रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि पंजाब के रेलवे प्रोजेक्ट्स के लिए धन की कोई कमी नहीं है। मैं भी लगातार नए प्रोजेक्ट शुरू करने, लंबित प्रोजेक्ट पूरे करने और अप्रत्याशित कारणों से बंद पड़े प्रोजेक्ट्स को पुनर्जीवित करने में जुटा हूं।

मोहाली-राजपुरा, फिरोजपुर-पट्टी और अब कादियान-ब्यास—मुझे पूरी तरह पता था कि यह लाइन कितनी महत्वपूर्ण है। इसी वजह से मैंने अधिकारियों को सभी बाधाएं दूर करके निर्माण कार्य फिर से शुरू करने के निर्देश दिए। यह नई रेल लाइन क्षेत्र के “इस्पात नगरी” कहे जाने वाले बटाला की संघर्ष कर रही औद्योगिक इकाइयों को महत्वपूर्ण बढ़ावा देगी।

Railway Project News

उत्तरी रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया है, “रेलवे बोर्ड की इच्छा है कि कादियान-ब्यास लाइन को डीफ्रीज किया जाए और विस्तृत अनुमान को शीघ्र पुनः जमा कराकर स्वीकृत कराया जाए ताकि निर्माण कार्य शुरू हो सके। इस परियोजना का इतिहास बहुत पुराना है—इसे सबसे पहले 1929 में ब्रिटिश सरकार ने मंजूरी दी थी और नॉर्थ-वेस्टर्न रेलवे ने काम शुरू किया था। 1932 तक लगभग एक-तिहाई काम पूरा हो चुका था, लेकिन अचानक परियोजना बंद कर दी गई थी।

Railway Budget 2010

केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू

रेलवे ने इसे “सामाजिक रूप से वांछनीय परियोजना” का दर्जा दिया और 2010 के रेल बजट में शामिल किया था। लेकिन योजना आयोग द्वारा उठाई गई वित्तीय चिंताओं के कारण काम एक बार फिर रुक गया। “सामाजिक रूप से वांछनीय परियोजनाओं” की श्रेणी में रेलवे समावेशी विकास पर ध्यान देता है, जिसमें राजस्व उत्पन्न न करने वाली परियोजनाओं के बावजूद किफायती और सुलभ परिवहन सेवाएं प्रदान की जाती हैं।

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