टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलट्रैवलवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

नीतिगत दर में फिर कटौती कर सकता है RBI

भारतीय रिजर्व बैंक बुधवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा जारी करेगा। इसमें नीतिगत दर में लगातार चौथी बार 0.25 प्रतिशत की कटौती की जा सकती है।

07:34 AM Aug 05, 2019 IST | Desk Team

भारतीय रिजर्व बैंक बुधवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा जारी करेगा। इसमें नीतिगत दर में लगातार चौथी बार 0.25 प्रतिशत की कटौती की जा सकती है।

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक बुधवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा जारी करेगा। इसमें नीतिगत दर में लगातार चौथी बार 0.25 प्रतिशत की कटौती की जा सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेतों के बीच केंद्रीय बैंक एक बार फिर रेपो दर में कटौती कर सकता है। उद्योग जगत उम्मीद कर रहा है कि रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) प्रणाली में नकदी की स्थिति में सुधार और ब्याज दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए कदम उठा सकती है। 
एमपीसी की बैठक 5 से 7 अगस्त तक तीन दिन चलेगी। इस समय रिजर्व बैंक की रेपो दर 5.75 प्रतिशत पर है। दिसंबर 2018 में शक्तिकांत दास के रिजर्व बैंक गवर्नर का पदभार संभालने के बाद पहली बार फरवरी की मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत कटौती की गई। उसके बाद चार अप्रैल 2019 को और फिर छह जून को हुई मौद्रिक नीति समीक्षा में 0.25 प्रतिशत कटौती की गई। यूनियन बैंक आफ इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजकिरण राय जी ने कहा कि एमपीसी इस बार भी ब्याज दर में चौथाई प्रतिशत की कटौती कर सकती है। 
उन्होंने कहा कि इस समय वृद्धि को प्रोत्साहन देने की जरूरत है। मुझे भरोसा है कि केंद्रीय बैंक दरों में कटौती करेगा। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा कि रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कटौती का चक्र फरवरी, 2019 से शुरू किया था। हालांकि, अंतिम उपभोक्ता तक कटौती का लाभ काफी धीमी गति से स्थानांतरित हो रहा है। सीआईआई ने कहा कि रिजर्व बैंक को नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में आधा प्रतिशत की कटौती करनी चाहिए। इससे प्रणाली में 60,000 करोड़ रुपये की नकदी उपलब्ध होगी। 
उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा कि वृद्धि दर को प्रोत्साहन के लिए सस्ता कर्ज उपलब्ध कराने की जरूरत है। इससे निवेश बढ़ेगा। मुद्रास्फीति नियंत्रण में है। ऐसे में कटौती का लाभ तेजी से स्थानांतरित किया जाना चाहिए। एसोचैम ने कहा कि एनबीएफसी के नकदी के संकट को दूर करते हुए ब्याज दर में कटौती से आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा तथा यात्री एवं वाणिज्यिक वाहनों की मांग में इजाफा होगा।
Advertisement
Advertisement
Next Article