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RBI कर सकता है रेपो दर में 0.25% की कटौती

मुद्रास्फीति में कमी, RBI कर सकता है रेपो दर में कटौती

03:51 AM Apr 07, 2025 IST | Himanshu Negi

मुद्रास्फीति में कमी, RBI कर सकता है रेपो दर में कटौती

भारतीय रिजर्व बैंक इस सप्ताह अपनी मौद्रिक समीक्षा बैठक में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है। मुद्रास्फीति में कमी और वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच घरेलू आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। एमपीसी की बैठक के नतीजे नौ अप्रैल को घोषित किए जाएंगे।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस सप्ताह अपनी मौद्रिक समीक्षा ‘ बैठक में प्रमुख नीतिगत दर रेपो में एक बार फिर से 0.25 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है। मुद्रास्फीति में कमी से केंद्रीय बैंक के पास ब्याज दर में कटौती की गुंजाइश है। अमेरिका की तरफ से जवाबी सीमा शुल्क लगाने की घोषणा के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियां पैदा हो गई हैं। ऐसे में घरेलू मोर्चें पर ‘भी आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने की जरूरत महसूस की जा रही है। फरवरी में गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली आरबोआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटयाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था। यह मई, 2020 के बाद रेपो दर में पहली कटौती और ढाई साल के बाद पहला संशोधन था।

एमपीसी की 54वीं बैठक सात अप्रैल से शुरू होगी। बैठक के नतीजों की घोषणा नौ अप्रैल को की जाएगी।आरबीआई गवनेर के अलावा एमपीसी में केंद्रीय बैंक के दो वरिष्ठ अधिकारी और सरकार द्वारा नियुक्त तीन लोग होते हैं।भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई) ने फरवरी, 2023 से रेपो दर (अल्पकालिक उधार दर) को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा था। पिछली बार आरबीआई ने कोविड के समय (मई, 2020) रेपो दर में कमी की थी और उसके बाद इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था।

बैंक ऑफ बड़ौदा (बॉब) के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि इस सप्ताह घोषित की जाने वाली नीति ऐसे समय में आएगी जब पूरी दुनिया और अर्थव्यवस्था के भीतर कई चीजें घटित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्क से वृद्धि की संभावनाओं और मु्रा पर कुछ प्रभाव पड़ंग, जिस पर एमपीसी को अथव्यवस्था की स्थिति के सामान्य आकलन से परे विचार करना होगा। सबनवीस ने कहा कि मुद्रास्फीति की संभावनाएं नरम होने और तरलता के स्थिर होने के साथ इस बार रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती हो सकती है।

यह भी उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक अपने रुख को अधिक उदार करेगा, जिसका अथ होगा कि इस साल के दौरान दरों में और कटौती होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो अप्रैल को भारत और चीन सहित लगभग 60 देशों पर 11 से लेकर 49 प्रतिशत तक का जवाबी शुल्क लगाया है, जो नौ अप्रैल से लागू होगा। विशेषज्ञं के अनुसार, भारत के लिए चुनौतियां और अवसर दोनों हैं क्योंकि निर्यात में उसके कई प्रतिस्पधी देश जैसे चीन, वियतनाम, बांग्लादेश, कबोडिया और थाइलैंड ऊंचे शुल्क का सामना कर रहे हैं। रेटिंग एजेंसी इक्रा को भी उम्मीद है कि एमपीसी अपनी आगामी बैठक में तटस्थ रुख बनाए रखते हुए रेपो दर K चौथाई प्रतिशत की कटौती करेगी।

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