Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

RBI की कर्ज नीति का ऐलान, ब्याज दरों में नहीं कोई बदलाव

NULL

04:17 PM Feb 07, 2018 IST | Desk Team

NULL

अगर आपको भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है तो आपको थोड़ी निराशा हो सकती है। इसका कारण यह है कि आरबीआई ने नई मौद्रिक नीति की घोषणा कर दी है और ब्याज दरों में किसी तरह का परिवर्तन नहीं किया है।

आपको बता दे कि भारतीय रिजर्व बैंक ने आज अपनी मौद्रिक समीक्षा नीति का एलान किया। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है और इसे छह प्रतिशत पर कायम रखा है। वही रिवर्स रेपो रेट 5.75 प्रतिशत पर कायम रखा गया है। आम बजट पेश किये जाने के बाद रिजर्व बैंक की यह पहली मौद्रिक समीक्षा है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि दूसरी छमाही में महंगाई दर नियंत्रण में रहेगी।

वही , आरबीआई ने अप्रैल से सितंबर के बीच मंहगाई के 5.1 से 5.6 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान लगाया है। इसके साथ ही सीआरआर 4% और एसएलआर 19.5% तय किया गया है।

बता दें नीतिगत दर वह दर होती है जिसपर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। इसी दर के घटने या बढ़ने पर आम जनता को मिलने वाले कर्ज की दर तय होती है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 6 और 7 फरवरी 2018 को हुई थी और इसका नतीजा 7 फरवरी को सामने आया।

रिजर्व बैंक ने कहा है कि जीएसटी स्थिर हो रहा है। आर्थिक गतिविधियां बढ़ रही हैं और निवेश में सुधार के शुरुआती संकेत मिल रहे हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि का मुद्रास्फीति में सही-सही योगदान का अभी पूरी तरह आकलन संभव नहीं है।

वित्तीय घाटे का लक्ष्य पूरा नहीं होने से लेकर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और खाद्य महंगाई के सिर उठा सकने से जुड़ी चिंताओं को देखते हुए एक्सपर्ट्स नीतिगत दरों में सख्ती बरतने की आशंका जता चुके थे। 25 मार्केट पर्टिसिपेंट्स के बीच कराए गए ईटी पोल में एक्सपर्ट्स इस बात पर एकमत थे कि आरबीआई बुधवार को कड़े रुख के साथ पॉलिसी पेश कर सकता है, जिसमें आनेवाले मौद्रिक नीति समीक्षा में रेट बढ़ाने की भरपूर आशंका जताई जा सकती है।

आरबीआइ गर्वनर उर्जित पटेल ने कहा कि पूंजी पर पांच प्रकार के कर हैं जिनका निवेश पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राजकोषीय रुख में कोई बदलाव या फर्क रिजर्व बैंक के लिए चुनौती ज्यादा बढ़ा देगा। उन्होंने कहा है कि हम अपने वित्त वर्ष के अनुसार सरकार को मशीनी तरीके से लाभांश देते रहेंगे।

अन्य विशेष खबरों के लिए पढ़िये पंजाब केसरी की अन्य रिपोर्ट।

Advertisement
Advertisement
Next Article