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फेस्टिव सीजन में RBI ने दिया झटका, नहीं घटेगी आपकी EMI, रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं

11:36 AM Oct 01, 2025 IST | Neha Singh
RBI Repo Rate 2025

RBI Repo Rate 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने बुधवार को अपनी नीति घोषणा में सर्वसम्मति से रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने यह जानकारी दी। गवर्नर ने बताया कि मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों पर विचार-विमर्श करने और ब्याज दरों के रुख पर निर्णय लेने के लिए एमपीसी की 29 और 30 सितंबर तथा 1 अक्टूबर को बैठकें हुईं। बता दें रेपो रेट वह दर है, जिस पर आरबीआई  अन्य बैंकों को लोन देता है।

Repo Rate Unchanged:  SDF और MSF में बदलाव नहीं

विस्तृत मूल्यांकन के बाद, समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर बनाए रखने के लिए मतदान किया। उन्होंने कहा, "एमपीसी ने सर्वसम्मति से नीतिगत रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने के लिए मतदान किया।" इस निर्णय के साथ, स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर भी 5.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित बनी हुई है।

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RBI Repo Rate 2025

RBI Repo Rate 2025: क्या है SDF और MSF

सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) दर और बैंक दर इस समय 5.75% पर बनी हुई हैं। स्थायी जमा सुविधा (SDF) दर वह ब्याज दर है जो भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) उन बैंकों को देता है जो अपनी अतिरिक्त और बिना किसी गारंटी वाली धनराशि एक दिन के लिए RBI में जमा करते हैं। इससे बैंकों को सुरक्षित जगह पर पैसा रखने के बदले थोड़ा ब्याज मिल जाता है।

दूसरी ओर, सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) दर वह ब्याज दर है जो बैंक तब चुकाते हैं जब उन्हें तुरंत नकदी की जरूरत होती है और बाजार से पैसा नहीं मिल रहा होता। ऐसे में वे RBI से एक दिन के लिए पैसा उधार लेते हैं, लेकिन इस पर उन्हें ज्यादा ब्याज देना पड़ता है क्योंकि यह एक तरह की आपातकालीन व्यवस्था होती है।

RBI Repo Rate 2025

RBI Repo Rate: महंगाई पर बोले गवर्नर

आरबीआई गवर्नर ने कहा, "अगस्त की नीतिगत बैठक के बाद से, तेज़ी से बदलते वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के बीच घरेलू मोर्चे पर हुए महत्वपूर्ण घटनाक्रमों ने भारत में विकास और मुद्रास्फीति की गतिशीलता की स्थिति को बदल दिया है। अच्छे मानसून से उत्साहित, भारतीय अर्थव्यवस्था पहली तिमाही में उच्च वृद्धि दर्ज करके अपनी मजबूती का प्रदर्शन जारी रखे हुए है।" साथ ही, गवर्नर ने यह भी बताया कि मुख्य मुद्रास्फीति में काफी कमी आई है, जिससे एमपीसी को मौजूदा ब्याज दर रुख बनाए रखने में राहत मिली है।

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