उच्च पूंजी बफर के साथ भारतीय बैंकिंग क्षेत्र रिकॉर्ड में मजबूती: RBI
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि भारत ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान अपनी विदेशी वित्तीय परिसंपत्तियों में मजबूत बढ़ोतरी दर्ज की है, साथ ही बैंकिंग क्षेत्र में मजबूती बनी हुई है। ये बढ़ोतरी अधिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, मुद्रा और जमा और आरक्षित परिसंपत्तियों के कारण हुई है। प्रत्यक्ष निवेश के साथ-साथ मुद्रा और जमाराशियों ने भी भारतीय निवासियों द्वारा विदेशों में रखी गई परिसंपत्तियों की वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
विदेशी वित्तीय परिसंपत्तियों में बढ़त
RBI ने कहा कि भारत की विदेशी वित्तीय परिसंपत्तियों में 72 प्रतिशत से अधिक वृद्धि विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, मुद्रा और जमा में वृद्धि के कारण हुई। वर्ष 2024-25 के दौरान भारत की कुल वित्तीय परिसंपत्तियों में 105.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई। इसकी तुलना में, इसकी वित्तीय देनदारियों में 74.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई।
RBI गर्वनर का बयान
RBI गर्वनर संजय मलहोत्रा ने बयान देते हुए कहा कि आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय स्थिरता भी एक महत्वपूर्ण शर्त है। गर्वनर संजय मलहोत्रा ने बतया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए है। जिसमें जलवायु परिवर्तन, तकनीकी समस्या और व्यापार में विखंडन शामिल है।
RBI की रिपोर्ट
RBI की रिपोर्ट में कहा गया है कि शुद्ध दावों में यह गिरावट मुख्य रूप से जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में भारत में विदेशी स्वामित्व वाली परिसंपत्तियों की तुलना में भारतीय निवासियों की विदेशी वित्तीय परिसंपत्तियों में अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
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