RBI की चेतावनी, फटाफट ऑनलाइन लोन देने वाले ऐप्स के चंगुल में न फंसे, इनकी वसूली भारी पड़ेगी
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने बुधवार को कहा कि कर्ज की पेशकश करने वाले कुछ ऐप वसूली को लेकर गलत तौर-तरीके अपना रहे हैं।
01:10 PM Dec 24, 2020 IST | Ujjwal Jain
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने बुधवार को कहा कि कर्ज की पेशकश करने वाले कुछ ऐप वसूली को लेकर गलत तौर-तरीके अपना रहे हैं। वे उसी प्रकार के तौर-तरीके अपना रहे हैं, जैसा कि 2007 में आंध्र प्रदेश में छोटे कर्ज देने वाले संस्थानों ने किया था और इससे पूरा उद्योग संकट में घिर गया था। उन्होंने यहां उद्योग से जुड़े एक कार्यक्रम में कहा कि वसूली करने वाले एजेंटों को बुनियादी मानवीय और मान-सम्मान का रुख अपनाना चाहिए और ऐसा नहीं करने से वित्तीय संस्थानों के लिये चुनौतियां बढ़ेंगी।
आरबीआई के इस संदर्भ में आये बयान के कुछ ही घंटे बाद उन्होंने यह बात कही। केंद्रीय बैंक ने लोगों को अनाधिकृत तरीके से डिजिटल मंचों और मोबाइल ऐप के जरिये कर्ज की पेशकश करने वालों को लेकर सतर्क रहने को कहा है। बयान के अनुसार वे वसूली के ऐसे कड़े तरीके अपना रहे हैं, जो स्वीकार्य नहीं किया जा सकता।
गांधी ने कहा, ‘‘यह परेशान करने वाली बात है। कर्ज की पेशकश करने वाले कुछ ऐप वसूली के लिये निर्धारित मानदंड का पालन नहीं कर रहे। वे ग्राहकों के मान-सम्मान और मूल सिद्धांतों का उल्लंघन कर रहे है। निश्चित रूप से यह ठीक नहीं है…।’’
कुछ साल पहले आरबीआई के डिप्टी गवर्नर पद से सेवानिवृत्त होने वाले गांधी ने कहा कि इसी प्रकार की गतिविधियां 2007 में अपनायी गयी और इसका क्षेत्र पर बड़ा प्रतिकूल प्रभाव पड़ा क्योंकि अंतत: लोगों ने सामूहिक रूप से पैसा लौटाना बंद कर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘ऐप के जरिये कर्ज देने वाली इकाइयों को वसूली के अपने तौर-तरीकों का आकलन करना होगा और उसमें सुधार लाना होगा।’’
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कामकाज में सुधार लाने के बारे में गांधी ने वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग को ऐसे बैंकों को चलाने में भूमिका को वापस लेने और निदेशक मंडल संचालित संस्थान बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया बैंक बोर्ड ब्यूरो को सशक्त बनाये जाने से शुरू की जानी चाहिए। संबंधित बैंक निदेशक मंडलों को बेहतर जवाबदेही के लिये स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति करनी चाहिए।
Advertisement
Advertisement