Top NewsIndiaWorld
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

सस्ते होंगे रिचार्ज! टेलीकॉम कंपनियों ने की सरकार से की लाइसेंस फीस कम करने की मांग

01:36 AM Oct 26, 2024 IST | Pannelal Gupta

कंपनियों ने लाइसेंस फीस कम करने की डिमांड

टेलीकॉम इंडस्ट्री काफी उथल-पुथल देखने को मिल रही है। कंपनियों ने लाइसेंस फीस कम करने की डिमांड की है। जिसको लेकर यह संभावना लग रहे है की जड़ ही इनकी रिचार्ज सस्ता होगा। कंपनियों द्वारा लाइसेंस फीस में 0.5% से 1% तक कम करने की मांग की गई है। अभी यही फीस 8% तक लगती है। इंडस्ट्री की तरफ से इस पर तुरंत विचार करने की मांग की गई है। हालात पूरी तरह से बदल दिए गए हैं। इंडस्ट्री का इस पर कहना है कि अगर ये फीस कम हो जाएगी तो नेटवर्क का अपग्रेडेशन और एक्सपेंशन करना आसान हो जाएगा।

कौन हैं मुख्य टेलीकॉम ऑपरेटिंग कंपनी?

डिजिटल नेटवर्क में भी सुधार करने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) की तरफ से कहा गया है और इसके जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया तीन मुख्य टेलीकॉम ऑपरेटिंग कंपनी हैं। अभी कंपनियों की तरफ से कुल 8% लाइसेंस फीस में से 5% यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन चार्ज होते हैं। टेलीकॉम कंपनियों ने कहा कि जब लाइसेंस को स्पेक्ट्रम के साथ जोड़ा गया था, तब लाइसेंस शुल्क उचित था। लेकिन 2012 में स्पेक्ट्रम को लाइसेंस से अलग कर दिया गया और अब इसे पारदर्शी और खुले नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से आवंटित किया जा रहा है।

Advertisement

COAI के महानिदेशक एसपी कोचर का बयान

टेलीकॉम कंपनियों का मानना है कि सरकार और टेलीकॉम नियामक भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि इस उद्योग में लाभ कम है और कुछ अधिकारियों ने हाल ही में संपन्न हुए इंडिया मोबाइल कांग्रेस के दौरान इसका उल्लेख भी किया था। “स्पेक्ट्रम को लाइसेंस से अलग करने और उसे बाजार मूल्य पर आवंटित करने के बाद, लाइसेंस शुल्क लगाने का औचित्य बहुत पहले ही समाप्त हो गया था। लाइसेंस शुल्क, अधिकतम, केवल लाइसेंस के प्रशासनिक खर्च को कवर करना चाहिए, जो कुल राजस्व का 0.5% से 1% तक है, बजाय वर्तमान में दिए जा रहे 8% के,” COAI के महानिदेशक एसपी कोचर ने एक बयान में कहा।

कॉर्पोरेट टैक्स के कारण होती है नुकसान

COAI ने कहा कि भारत में टेलीकॉम कंपनियां, टेलीकॉम से संबंधित AGR राशि का भुगतान करने के अलावा, CSR, GST और कॉर्पोरेट टैक्स भी अन्य कंपनियों की तरह ही देती हैं। “यह टेलीकॉम व्यवसाय में लगी कंपनियों को अन्य व्यवसायों की तुलना में महत्वपूर्ण नुकसान में डालता है, जिससे नियमित तकनीकी उन्नयन में निवेश के लिए उनका अधिशेष सीमित हो जाता है,” कोचर ने कहा।

Advertisement
Next Article