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चीन के साथ संबंध 'सामान्य नहीं', भारत एलएसी पर एकतरफा बदलाव की किसी कोशिश से सहमत नहीं होगा : जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि चीन द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एकतरफा बदलाव किए जाने की किसी भी कोशिश से भारत सहमत नहीं होगा। उन्होंने रेखांकित किया कि नयी दिल्ली के बीजिंग के साथ संबंध ‘‘सामान्य नहीं’’ हैं और मुख्य मुद्दों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

11:10 PM Dec 31, 2022 IST | Shera Rajput

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि चीन द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एकतरफा बदलाव किए जाने की किसी भी कोशिश से भारत सहमत नहीं होगा। उन्होंने रेखांकित किया कि नयी दिल्ली के बीजिंग के साथ संबंध ‘‘सामान्य नहीं’’ हैं और मुख्य मुद्दों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि चीन द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर एकतरफा बदलाव किए जाने की किसी भी कोशिश से भारत सहमत नहीं होगा। उन्होंने रेखांकित किया कि नयी दिल्ली के बीजिंग के साथ संबंध ‘‘सामान्य नहीं’’ हैं और मुख्य मुद्दों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
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जयशंकर ने भूमध्यसागरीय देश की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान शुक्रवार को साइप्रस में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए यह भी कहा कि भारत को बातचीत की मेज पर लाने के लिए आतंकवाद को उपकरण के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
जयशंकर ने कहा कि भारत के सामने अपनी सीमाओं पर चुनौतियां हैं, जो कोविड काल के दौरान तीव्र हो गईं।
उन्होंने कहा, ‘आज चीन के साथ हमारे संबंधों की स्थिति बहुत सामान्य नहीं है, क्योंकि हम वास्तविक नियंत्रण रेखा को एकतरफा बदलने के किसी भी प्रयास के लिए कभी सहमत नहीं होंगे।’
भारतीय सेना के अनुसार, नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिक आपस में भिड़ गए थे, जिसमें ‘दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को मामूली चोटें आईं’।
जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण झड़प के बाद से भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच यह पहली बड़ी झड़प थी।
दोनों पक्षों के बीच सीमा गतिरोध को सुलझाने के लिए 17 दौर की बातचीत हो चुकी है।
जयशंकर ने अपने भाषण में कहा कि कोई भी देश आतंकवाद से भारत जितना पीड़ित नहीं है।
उन्होंने किसी देश का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘हम सभी के साथ अच्छे पड़ोसी संबंध चाहते हैं। लेकिन अच्छे पड़ोसी संबंधों का मतलब यह नहीं है कि आतंकवाद के मुद्दे को दरकिनार कर दिया जाए। हम बहुत स्पष्ट हैं।’’
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत को बातचीत की मेज पर लाने के लिए आतंकवाद को औजार के रूप में इस्तेमाल नहीं करने दिया जा सकता।
भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से उत्पन्न सीमा पार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं।
नयी दिल्ली ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि वह आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में इस्लामाबाद के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है।
जयशंकर ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में मोदी सरकार की नीतियों और प्रदर्शन से यह बहुत स्पष्ट है कि ‘मुख्य मुद्दों पर, कोई समझौता नहीं होगा।’
उन्होंने कहा, ‘मैं कह सकता हूं कि इस समय दुनिया को भारत से बहुत उम्मीदें हैं। क्योंकि आज हमें एक मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में देखा जाता है, एक ऐसे देश के रूप में जो दुनिया के सामने मौजूद समस्याओं को हल करने में योगदान देगा।’
जयशंकर ने संघर्ष को समाप्त करने के लिए रूस और यूक्रेन को साथ लाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा, ‘हमें एक ऐसे देश के रूप में भी देखा जाता है जो स्वतंत्र है, जिसके पास, जब खड़ा होना हो, खड़े होने का साहस है। हमारे पास मेज के चारों ओर लोगों को लाने के लिए हर किसी से बात करने की क्षमता है।’
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