हार्वर्ड के विदेशी छात्रों के लिए राहत, अदालत ने ट्रंप के आदेश पर लगाई रोक
ट्रंप प्रशासन के आदेश पर अदालत की रोक
मैसाचुसेट्स के जज ने ट्रंप प्रशासन के आदेश पर अस्थायी रोक लगाई, जिससे हार्वर्ड के विदेशी छात्रों को राहत मिली। ट्रंप के इस कदम से हजारों छात्रों के भविष्य पर संकट मंडरा रहा था, लेकिन अदालत के फैसले ने उनकी चिंताओं को कम कर दिया।
अमेरिका के मैसाचुसेट्स प्रांत में एक जज ने शुक्रवार को ट्रंप प्रशासन के उस आदेश पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी, जिसमें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के दरवाजे अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए बंद कर दिए गए थे। अदालत का यह फैसला होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) द्वारा हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एसईवीआईएस सिस्टम (स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर इन्फॉर्मेशन सिस्टम) का उपयोग करने की अनुमति रद्द करने के एक दिन बाद आया। यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आइवी लीग स्कूल पर हमले को और तेज करने का हिस्सा था। डीएचएस के फैसले में कहा गया था कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे विदेशी छात्रों को किसी अन्य कॉलेज में स्थानांतरित होना होगा, अन्यथा उनका दर्जा समाप्त हो जाएगा। ऐसा अनुमान है कि हार्वर्ड में 780 भारतीय छात्र और स्कॉलर हैं।
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उन्होंने कहा कि यह कदम हार्वर्ड के हजारों छात्रों और स्कॉलर के भविष्य को खतरे में डालता है। देश भर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए अमेरिका आए अनगिनत अन्य लोगों के लिए एक चेतावनी है। ट्रंप प्रशासन ने फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों और यहूदी छात्रों पर हमलों से निपटने में विश्वविद्यालय की लापरवाही के कारण विश्वविद्यालय के सभी वित्तपोषण को निलंबित कर दिया है तथा इसकी कर-मुक्त स्थिति को रद्द करने की मांग की है। ट्रंप ने कोलंबिया विश्वविद्यालय जैसे अन्य प्रमुख कॉलेजों के खिलाफ भी कदम उठाया है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने शुक्रवार सुबह अदालत में दायर एक मुकदमे में कहा, “सरकार ने एक हस्ताक्षर के साथ हार्वर्ड के लगभग एक-चौथाई छात्रों, यानी विदेशी छात्रों को हटाने की कोशिश की है, जो यूनिवर्सिटी और इसके मिशन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के बिना हार्वर्ड, हार्वर्ड नहीं है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष एलन एम. गार्बर ने कॉलेज को लिखे एक पत्र में कहा कि हम इस गैरकानूनी और अनुचित कार्रवाई की निंदा करते हैं। डीएचएस ने हार्वर्ड से उसके 13 स्कूलों के सात हजार विदेशी छात्रों के बारे में जानकारी मांगी थी, जो प्रस्तुत कर दी गई।