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दिल्ली चुनाव : AAP की सुनामी ने 22 साल बाद सत्ता में वापसी के BJP के सपने को एक बार फिर किया चकनाचूर

दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की सुनामी ने 22 साल बाद सत्ता में वापसी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सपने को एक बार फिर चकनाचूर कर दिया और अरविंद केजरीवाल जीत की हैट्रिक के साथ तीसरी बार मुख्यमंत्री बनेंगे।

07:54 PM Feb 11, 2020 IST | Shera Rajput

दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की सुनामी ने 22 साल बाद सत्ता में वापसी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सपने को एक बार फिर चकनाचूर कर दिया और अरविंद केजरीवाल जीत की हैट्रिक के साथ तीसरी बार मुख्यमंत्री बनेंगे।

दिल्ली चुनाव   aap की सुनामी ने 22 साल बाद सत्ता में वापसी के bjp के सपने को एक बार फिर किया चकनाचूर
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दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की सुनामी ने 22 साल बाद सत्ता में वापसी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सपने को एक बार फिर चकनाचूर कर दिया और अरविंद केजरीवाल जीत की हैट्रिक के साथ तीसरी बार मुख्यमंत्री बनेंगे।
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आप नेमंगलवार को आए नतीजों में दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 62 सीटों पर जीत हासिल की जबकि भाजपा की झोली में महज आठ सीटें आई। कांग्रेस की झोली 2015 की तरह एक बार फिर खाली रह गयी।
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श्री केजरीवाल ने पार्टी की ऐतहासिक जीत को ‘‘ नयी तरह की राजनीति का जन्म..। विकास की राजनीति ’’ का नाम दिया है।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित लगातार तीन बार मुख्यमंत्री रही थीं और 15 वर्षों तक दिल्ली पर राज किया था। चुनाव में कांग्रेस की ऐसी दुर्गति हुई की 67 उम्मीदवारों की जमानत जप्त हुई जिसमें पूर्व मंत्री अशोक कुमार वालिया और हारुन युसूफ भी शामिल हैं।
चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली की छठी विधानसभा को भंग करने का ऐलान किया।
प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने श्री केजरीवाल को जीत की बधाई दी और उन्हें जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की शुभकामनाएं दीं, जिसके जवाब में श्री केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं दिल्ली सही मायनों में वर्ल्ड क्लास का शहर बनाने के लिए केंद, के साथ मिलकर काम करना चाहता हूं।’’ भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्ढा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत अन्य पार्टी के नेताओं ने श्री केजरीवाल को जीत पर बधाई दी है।
चुनाव में आप की प्रवक्ता आतिशी मार्लेना सहित आप की सात महिला उम्मीदवारों की जीत हासिल की। इस बार की चुनावी मैदान में सभी राजनीतिक दलों से 672 उम्मीदवार चुनावी समर में थे, जिनमें 593 पुरुष और 79 महिला उम्मीदवार थीं।
आप उम्मीदवार संजीव झा ने बुराड़ से सबसे अधिक 88158 वोटों से जीतने का रिकॉर्ड बनाया। श्री झा ने भाजपा और जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार शैलेंद, कुमार को पराजित किया। वहीं नागरिकता संशोधन कानून के विरोध का केंद, बने ओखला से आप उम्मीदवार अमानतुल्ला खान ने भाजपा के ब्रह्म सिंह को 71 827 वोटों से हराया। ओखला विधानसभा सीट के तहत आने वाले शाहीन बाग में सीएए के विरोध में 15 दिसंबर से प्रदर्शन हो रहा है और सड़क जाम होने के कारण आस-पास के लोगों को बड़ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इस बार के चुनाव में सबसे कम वोटों से बिजवासन में आप के भूपिंदर सिंह जून ने 753 वोटों से जीत हासिल की। वहीं पूर्वी दिल्ली की लक्ष्मी नगर सीट से भाजपा के अभय वर्मा ने आप विधायक नितिन त्यागी को 880 मामूली अंतर से हराया।
श्री केजरीवाल समेत आप के सभी बड़ नेता फिर से जीत हासिल करने में सफल रहे। हालांकि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पटपड़गंज और विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल को कड़ टक्कर मिली।
भाजपा को नयी दिल्ली, चांदनी चौक और पश्चिमी दिल्ली संसदीय सीट के अंतर्गत आने वाली 30 विधानसभा सीटों में से एक भी सीट पर जीत नसीब नहीं हुई। भाजपा को मिली आठ सीटों में से चार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के संसदीय क्षेत्र की है। पूर्वी दिल्ली की दस विधानसभा सीटों में से पार्टी को दो, उत्तर- पश्चिमी और दक्षिणी दिल्ली लोकसभा की बीस सीटों में से क्रमश: एक -एक सीट पर जीत मिली।
इस बार के चुनाव में आप के 53.57 प्रतिशत मत मिले, जबकि भाजपा को 38.51 प्रतिशत लोगों ने वोट दिया। कांग्रेस को महज 4.26 प्रतिशत वोट मिले, जबकि 0.46 लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया।
आप के चुनाव प्रचार की कमान मुख्यमंत्री केजरीवाल ने स्वयं संभाल रखी थी जबकि भाजपा की तरफ से श्री मोदी के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, उत्तराखंड के त्रिवेंद सिंह रावत समेत भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री भी प्रचार अभियान में शामिल थे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार का पूर्वांचल के मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रचार भी भाजपा को फिर से सत्ता दिलाने में मददगार नहीं हो सका।
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Shera Rajput

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