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मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना...

हैदराबाद की घटना ने दिल दहला कर रख दिया। दिल रो पड़ा और सोचने पर मजबूर हो गया क्या खून के रिश्ते इतने संगदिल कठोर हैं कि अपनी बहन के पति को उसके सामने मार डाला।

01:15 AM May 08, 2022 IST | Kiran Chopra

हैदराबाद की घटना ने दिल दहला कर रख दिया। दिल रो पड़ा और सोचने पर मजबूर हो गया क्या खून के रिश्ते इतने संगदिल कठोर हैं कि अपनी बहन के पति को उसके सामने मार डाला।

हैदराबाद की घटना ने दिल दहला कर रख दिया। दिल रो पड़ा और सोचने पर मजबूर हो गया क्या खून के रिश्ते इतने संगदिल कठोर हैं कि अपनी बहन के पति को उसके सामने मार डाला।
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कभी हरियाणा, कभी पंजाब, कभी आंध्र, कभी भारत का कोई राज्य आए दिन धर्म के नाम पर मजहब के नाम पर आनर किलिंग। मेरे हिसाब से किसी धर्म ग्रंथ में या कोई भी धर्म यह अनुमति नहीं देता लव मैरिज करने वालों का इस बेदर्दी से कत्ल कर दिया जाए और वो भी शहर के और बीच चौराहे पर ऐ लोग तमाशा देखते रहें। कोई माई का लाल ऐसा नहीं था जो उस निहत्थे युवक को बचा सके। उसकी पत्नी अपने भाइयों के सामने गिड़गिड़ाती रही। कसूर सिर्फ उनका इतना था कि वह दोनों अलग-अलग धर्मों से थे। अरे अगर तुम्हें नहीं पसंद था तो उससे बायकाट कर देते,  बेदखल कर देते, न बोलते, सारी उम्र के लिए रिश्ता तोड़ देते, परन्तु यह कहां की इंसानियत है की तुम कई लोग मिलकर एक निहत्थे लड़के को मार दो, जो अपनी पत्नी के साथ बाइक पर जा रहा था।
भारत देश, हमारा हिन्दोस्तान अनेकता में एकता के लिए मशहूर है। इसमें कई धर्मों, जातियों, वर्गों के लोग रहते हैं। हर एक किलोमीटर के बाद भाषा और पहनावा अलग हो जाता है, परन्तु फिर भी हम सब प्यार से सदियों से रह रहे हैं। जब पाकिस्तान-हिन्दोस्तान का बंटवारा हुआ था तो इसीलिए हुआ था कि हिन्दोस्तान में हिन्दू और पाकिस्तान में मुस्लिम रहेंगे परन्तु जो भी हिन्दोस्तान में मुस्लिम रह गए उन्हें पूरी इज्जत मान-सम्मान मिला। कोई भेदभाव नहीं ​किया गया। यहां तक कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति भी मुस्लिम हुए। कहने का भाव है छोटे से काम करने से लेकर देश का नम्बर वन तक मुस्लिमों को सम्मान और इज्जत है। बिना भेदभाव के अपनी शै​क्षणिक योग्यता और गुणों से आगे बढ़ते हैं और पूरा साथ सम्मान मिलता है।
अब्दुल कलाम जी को तो लोग बहुत ही इज्जत से पूजते हैं और वो भी इतने ज्ञानी थे कि इन्हें सबसे ऊपर थे। ऐसे लोग और बहुत से  लोग चाहे वो किसी भी धर्म के हों इंसान को इंसान मानते हैं और धर्म से ऊपर उठकर इंसानियत के लिए जीते हैं, परन्तु यह बातें चाहे वो किसी भी धर्म के हों डाइजैस्ट करनी मुश्किल है।
मैं चौपाल द्वारा पाकिस्तान से आए मजनू के टिले, रोहिणी में हिन्दुओं को उनकी बहू-बेटियों को मिलती हूं, उनकी सहायता करते हैं, उनकी पाकिस्तान में बुरी हालत थी, उनकी पीड़ा दिल को हिला देती है। इसलिए हिन्दोस्तान के मुस्लिम को इस बात का सम्मान करना चाहिए। हिन्दोस्तान में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं है, वो इज्जत, से सम्मान से, एक समान दर्जे से रहते या यूं कह लो कि अल्पसंख्यक होने के नाम पर उनको अधिक से अधिक सुविधाएं हैं तो उनको भी यह भेदभाव हटा देने चाहिएं। हर धर्म की अपनी मर्यादाएं हैं। हर एक को अपने धर्म की मर्यादा में रहकर पालन करना चाहिए और एक-दूसरे के धर्मों का सम्मान करना चाहिए क्योंकि काेई भी धर्म आपस में बैर रखना नहीं सिखाता। जान लेना तो बिल्कुल नहीं। हां उनकी बहन ने उनकी इच्छा के विरुद्ध जाकर शादी की, जाहिर है कोई भी हो गुस्सा आता है, आता होगा, परन्तु इतना नहीं कि आप इंसान से हैवान बन जाओ और उस मासूम की जान ले लो। 
मैं एक मां हूं और इसी नाते मुझे बड़ी पीड़ा हुई है। आज मदर्स डे भी है। जान किसी की भी नहीं जानी चाहिए। सब धर्म एक समान हैं, क्योंकि कहा भी गया है-मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना।
या तो आप अपने बच्चों को शुरू से ऐसे संस्कार और शिक्षा दें कि वो इस तरफ न जाएं या फिर बच्चों की गलतियों का उनके साथ स्वीकार करो। यह गलती भी नहीं थी प्यार तो सदियों से चला आ रहा है। हीर-रांझा, ससी-पूनु… परन्तु आज की सदी में जब लोग शिक्षित हो चुके हैं। इंटरनेट, गूगल का जमाना है, लोग बहुत एडवांस हो चुके हैं, पढ़े-लिखे बच्चे हैं तो ऐसी शादी के ​लिए कत्ल कर देना कहां की इंसानियत है। 
मैं फिर कहूंगी अगर किसी को नहीं पसंद रिश्तेदारी समाप्त कर दें, सामाजिक बहिष्कार कर दें, परन्तु ऐसे लोगों को कानूनी तौर पर सख्त सजा यानी फांसी की सजा होनी चाहिए, जो कानून को अपने हाथ में लेकर किसी की जान ले लेते हैं।
पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए विशेष टीमों का गठन किया है। आरोपी पकड़े भी जाएंगे, परन्तु जिसका बेटा गया, जिस नवविवा​हिता का पति गया उसकी भरपाई तो कभी भी नहीं हो सकेगी। धर्म के ठेकेदारों अपनी सोच को बदलो, इंसान बनो और इंसानों को जीने दो। इस समय सभी सामाजिक संस्थाओं को आगे आकर इस घटना की कड़ी से कड़ी निंदा करनी चाहिए ताकि को ​भविष्य में ऐसा करने से पहले हजार बार उसकी रूह कांपे और कोई कानून को अपने हाथ में न ले,  चाहे वो किसी भी धर्म का हो। सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा।
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