रेमन नूडल्स खाने वाले हो जाएं सावधान, पैकेट पर ‘कैंसर ’ की चेतावनी से मचा हड़कंप
नई दिल्ली : तेजी से पकने वाला और आमतौर पर युवाओं व वर्किंग प्रोफेशनल्स का पसंदीदा भोजन माने जाने वाला रेमन नूडल्स अब एक चौंकाने वाले खुलासे के चलते सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। एक वायरल वीडियो में दावा किया गया है कि रेमन नूडल्स के कुछ पैकेट्स पर ‘कैंसर और प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचाने’ संबंधी चेतावनी छपी है।
वायरल वीडियो में दिखा पैकेट पर खतरनाक संदेश
इंस्टाग्राम यूज़र @omggotworms ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए रेमन नूडल्स के पैकेट पर लिखी चेतावनी को उजागर किया। वीडियो में देखा जा सकता है कि पैकेट के पिछले हिस्से पर बहुत छोटे अक्षरों में लिखा है: “Warning: Cancer and Reproductive Harm.” वीडियो के साथ कैप्शन में यूज़र ने लिखा, “क्या? रेमन नूडल्स पर ये वॉर्निंग? कैंसर + प्रजनन हानि?? लेबल ध्यान से पढ़ें।” यह वीडियो वायरल होते ही हजारों लोगों ने हैरानी और चिंता जताते हुए प्रतिक्रियाएं दीं।
यूज़र्स ने जताई चिंता, लेबलिंग पर उठे सवाल
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को देखने के बाद कई यूज़र्स ने अपनी राय दी। एक यूज़र ने लिखा, “हमें पहले से प्रोसेस्ड फूड्स के खतरों का अंदाज़ा था, लेकिन इतनी गंभीर चेतावनी देखकर झटका लगा।” वहीं, एक अन्य यूज़र ने कहा, “इतना छोटा क्यों लिखा गया है? अगर यह इतना खतरनाक है तो खुलेआम बिक क्यों रहा है?”
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पैकेजिंग पर भी उठे सवाल
कुछ यूज़र्स ने इस चेतावनी को केवल नूडल्स की सामग्री से नहीं, बल्कि उसके पैकेजिंग मटेरियल से जोड़ा। उन्होंने दावा किया कि प्लास्टिक रैपर या पैकेट में मौजूद कुछ रसायन त्वचा के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और हार्मोनल बदलावों या कैंसर का कारण बन सकते हैं।
एक यूज़र ने लिखा, “असली खतरा तो पैकेजिंग में छिपा है, न कि सिर्फ खाने में। कंपनियों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह वॉर्निंग किस आधार पर दी गई है।”
खाद्य सुरक्षा पर बहस तेज
इस वायरल वीडियो के बाद प्रोसेस्ड फूड्स की सेहत पर पड़ने वाले असर और खाद्य पैकेजिंग की सुरक्षा को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी चेतावनियाँ आमतौर पर California’s Proposition 65 के तहत दी जाती हैं, जो यह दर्शाती हैं कि किसी उत्पाद में पाए जाने वाले रसायन कैंसर या प्रजनन संबंधी नुकसान पहुँचा सकते हैं। हालांकि अब तक संबंधित ब्रांड की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन उपभोक्ता इस विषय पर अधिक पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं।