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रिजर्व बैंक के संचालन ढांचे की होगी जांच-परख

शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की पहली बैठक हुयी। केंद्रीय बैंक के संचालन ढांचे पर विचार-विमर्श और गौर करने का फैसला किया गया।

12:17 PM Dec 15, 2018 IST | Desk Team

शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की पहली बैठक हुयी। केंद्रीय बैंक के संचालन ढांचे पर विचार-विमर्श और गौर करने का फैसला किया गया।

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक के नये गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में शुक्रवार को बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की पहली बैठक हुयी। इस बैठक में केंद्रीय बैंक के संचालन ढांचे पर विचार-विमर्श और गौर करने का फैसला किया गया। निदेशक मंडल की यह बैठक करीब चार घंटे तक चली।

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इसमें मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों, वैश्विक एवं घरेलू चुनौतियों, नकदी से जुड़ी दिक्कतें, ऋण देने में समस्या और मुद्रा प्रबंधन एवं वित्तीय साक्षरता की भी समीक्षा की गयी। रिजर्व बैंक ने बैठक के बाद जारी संक्षिप्त बयान में कहा कि निदेशक मंडल ने आरबीआई की संचालन रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया और इस संबंध में आगे और जांच-पड़ताल का फैसला किया गया है। हाल में नियुक्त रिजर्व बैंक के नए गवर्नर शक्तिकांत दास के साथ केन्द्रीय निदेशक मंडल की यह पहली बैठक है।

उन्होंने बुधवार को ही आरबीआई के 25वें गवर्नर का पदभार ग्रहण किया है। उन्होंने उर्जित पटेल का स्थान लिया। पटेल ने इसी सप्ताह सोमवार को अचानक पद से इस्तीफा दे दिया था। आरबीआई ने कहा कि 18 सदस्यीय निदेशक मंडल ने 2017-18 में बैंकिंग क्षेत्र की प्रगति और प्रवृत्ति पर मसौदा रिपोर्ट पर भी चर्चा की। इससे पहले 19 नवंबर को हुई बैंक के केन्द्रीय निदेशक मंडल की बैठक में नए आर्थिक पूंजी ढांचे के उपयुक्त स्तर को तय करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने का निर्णय किया गया था।

यह समिति तय करेगी कि रिजर्व बैंक को कितना आकस्मिक आरक्षित कोष कितने समय तक रखना चाहिए। समिति के सदस्यों और संदर्भ शर्तें सरकार और आरबीआई संयुक्त रूप से तय करेंगे। यह मामला रिजर्व बैंक के पास उपलब्ध 9.43 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी के हस्तांतरण से जुड़ा है।

यह मुद्दा सरकार और आरबीआई के बीच लंबे समय से विवाद का विषय रहा है। माना जाता है कि उर्जित पटेल के इस्तीफे के पीछे की वजहों में से यह भी एक वजह है। पिछली बैठक में निदेशक मंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) की रूपरेखा में ढील देने के मामले को केंद्रीय बैंक की वित्तीय निगरानी बोर्ड के पास भेजने का फैसला किया था। आरबीआई ने 21 सरकारी बैंकों में से 11 को पीसीए के तहत रखा है।

केंद्रीय बैंक को प्रबंधन और निदेशक मंडल द्वारा चलाने की मांग
आरबीआई के निदेशक मंडल में सरकार की ओर से नामित कुछ नये निदेशकों ने मांग की है कि केंद्रीय बैंक को केवल प्रबंधन द्वारा नहीं बल्कि निदेशक मंडल द्वारा चलाया जाना चाहिये। इसके अलावा एस गुरुमूर्ति और पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यिन ने भी कहा कि आरबीआई को बोर्ड के द्वारा चलाया जाना चाहिये।

इससे पहले कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को आरबीआई पर निशाना साधते हुये आरोप लगाया था कि आरबीआई प्रबंधन- गवर्नर और चार डिप्टी गवर्नर- ने निदेशक मंडल को अंधेरे में रखकर मनमाने ढंग से पीसीए रूपरेखा पर फैसला किया था।

दास की अगुवाई में निदेशक मंडल की पहली बैठक आज

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