रिटायर्ड मेजर जनरल का बड़ा खुलासा : पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान को मिला चीन का साथ
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख…
रिटायर्ड मेजर जनरल शम्मी सभरवाल ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान पर सीधा आरोप लगाया और चीन के सहयोग का शक जताया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनने के कुछ ही महीनों बाद यह हमला हुआ, जिससे देश में गहरा आक्रोश है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत हो गई, जिससे देशभर में गुस्सा है और लोग केंद्र सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पहलगाम आतंकी हमले से देश में आक्रोश
इस मुद्दे पर रिटायर्ड मेजर जनरल शम्मी सभरवाल ने गहरा दुख जताया और हमले को लेकर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अपने सेवा काल में उन्होंने जम्मू और कश्मीर दोनों क्षेत्रों में चार बार ड्यूटी की है।
मेजर जनरल (रि.) सभरवाल का बयान: नई सरकार के बाद ही क्यों हुआ हमला?
साल 2000-2001 में जब उग्रवाद अपने चरम पर था, तब भी पहलगाम शांत था। इस स्तर की हिंसा वहां कभी नहीं हुई। अगर आप गौर करें, तो पुलवामा 2019 में हुआ और अब यह 2025 में, छह साल के अंतराल के बाद हुआ है। उन छह वर्षों में कश्मीर घाटी शांतिपूर्ण रही, लेकिन अब, अनुच्छेद 370 हटने के बाद छह साल तक घाटी में शांति रही और अब अचानक यह हमला क्यों?
देशद्रोही ताकतों पर भी उठे सवाल
उन्होंने संदेह जताया कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने और नई सरकार बनने के कुछ ही महीनों बाद यह हमला हुआ, जो संयोग नहीं लग रहा। उनका मानना है कि देश के भीतर कुछ देशविरोधी ताकतों ने हालात बिगाड़ने में भूमिका निभाई है।
पाकिस्तान पर आरोप, चीन पर सहयोग का शक
सभरवाल ने पाकिस्तान पर सीधे तौर पर आरोप लगाया कि यह हमला उसकी साजिश है, और इसके पीछे चीन का अप्रत्यक्ष समर्थन भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अकेले ऐसी हरकत नहीं कर सकता, उसे चीन जैसे बड़े देश का सहयोग मिला होगा।
अमेरिका-भारत संबंधों को कमजोर करने की साजिश?
उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की भारत यात्रा के दौरान यह हमला होना संयोग नहीं है। इससे पहले भी वीवीआईपी यात्राओं के समय ऐसा होता रहा है, ताकि भारत की छवि को नुकसान पहुँचाया जा सके।
सभरवाल की सलाह: दुश्मन को उसकी भाषा में जवाब दें
आखिर में उन्होंने कहा कि भारत को सख्ती से जवाब देना चाहिए और शांति बनाए रखने के साथ-साथ दुश्मन को उसकी ही भाषा में समझाना चाहिए कि भारत कमजोर नहीं है।