यमुना सफाई के लिए तीन चरणों का रोडमैप तैयार, PM मोदी की समीक्षा बैठक
यमुना नदी की सफाई पर पीएम मोदी ने की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यमुना की सफाई पर समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और अन्य महत्वपूर्ण मंत्री भी शामिल थे। तीन चरणों में यमुना की सफाई का रोडमैप तैयार किया गया है, जिसमें ड्रेन मैनेजमेंट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई।भविष्य के लिए तैयार किए गए रोडमैप को तीन चरणों में बांटा गया है। रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने वर्ष 2025-26 में यमुना के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट तय किया था।
दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी ने आज यमुना की साफ-सफाई को लेकर समीक्षा बैठक की। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी मौजूद थीं। बैठक के दौरान यमुना नदी की सफाई से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। यमुना की वर्तमान स्थिति को मद्देनज़र रखते हुए भविष्य के लिए रोडमैप तैयार किया गया। यमुना की सफाई, दिल्ली में पिछले 12 साल से एक अहम मुद्दा रही है। पहली बार साल 2013 में अरविंद केजरीवाल ने यमुना को साफ करने का वादा किया था। यमुना की सफाई, भाजपा के संकल्प पत्र का भी हिस्सा रही है। पूरे 27 साल बाद, दिल्ली की सत्ता में वापसी के कुछ दिनों बाद ही भाजपा ने 2027 तक यमुना को साफ करने का लक्ष्य रखा था। उस दृष्टिकोण से यह समीक्षा बैठक और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है।
तीन चरणों में होगी यमुना की सफाई
आज हुई समीक्षा बैठक में भविष्य के लिए तैयार किए गए रोडमैप को तीन चरणों में बांटा गया है:
पहला चरण (3 महीने)
दूसरा चरण (3 महीने से 1.5 साल)
तीसरा चरण (1.5 साल से 3 साल)
Delhi CMO के अनुसार, ड्रेन मैनेजमेंट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सीवेज मैनेजमेंट, सेप्टेज और डेयरी वेस्ट मैनेजमेंट, इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट, अपशिष्ट जल उपचार के बुनियादी ढांचे की कमी की पहचान और निगरानी उपायों, यमुना नदी में प्रवाह में सुधार, बाढ़ के मैदानों की सुरक्षा, हरित नदी तट विकास और सार्वजनिक आउटरीच के लिए की जाने वाली कार्रवाइयों पर विशिष्ट समयसीमा के साथ चर्चा की गई।
कितनी जरूरी है यमुना
दिल्ली में मौजूद 70 प्रतिशत से भी ज्यादा साफ पानी का स्रोत यमुना ही है। दिल्ली के करोड़ों लोगों के जीवन-यापन में यमुना एक बहुत ही बहुमूल्य योगदान देती है। यमुना सिर्फ कोई पानी का स्रोत नहीं है, हिंदू धर्म में यमुना की धार्मिक प्रासंगिकता भी है। यमुना के तटों के सौंदर्यकरण से दिल्ली को पर्यटन के क्षेत्र में भी लाभ होगा। इसी बात का ध्यान रखते हुए, रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने वर्ष 2025-26 में यमुना के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट तय किया था।