Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

गले नहीं उतर रही ऋषभ पंत की अनदेखी?

उनको कार्तिक की 12 साल बाद वर्ल्ड कप टीम मे वापसी का कोई लाजिक समझ नहीं आता। दूसरी तरफ ऋषभ पंत है जिसकी उम्र मात्र 21 साल है।

01:25 PM Apr 22, 2019 IST | Desk Team

उनको कार्तिक की 12 साल बाद वर्ल्ड कप टीम मे वापसी का कोई लाजिक समझ नहीं आता। दूसरी तरफ ऋषभ पंत है जिसकी उम्र मात्र 21 साल है।

नई दिल्ली : वर्ल्ड कप में भाग लेने वाली भारतीय क्रिकेट टीम की घोषणा हो चुकी है। कोच, कप्तान और सपोर्ट स्टाफ चुने गये खिलाड़ियों को लेकर संतुष्ट हैं लेकिन जो नहीं चुने गये या बिल्कुल नज़दीक पहुंचकर जिनकी फ्लाइट छूट गई उनमे कुछ एक ऐसे खिलाड़ी भी हैं जिनकी चर्चा अब भी जारी है। ऐसे दुर्भाग्यशाली खिलाड़ियों में सबसे चर्चित नाम विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत का है। बेशक, ऋषभ की राह में सबसे बड़ी बाधा पूर्व कप्तान और उसके आदर्श महेंद्र सिंह धोनी हैं, जोकि हर मायने मे श्रेष्ठ हैं लेकिन दिनेश कार्तिक के चयन को लेकर क्रिकेट जानकार पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं।

उनको कार्तिक की 12 साल बाद वर्ल्ड कप टीम मे वापसी का कोई लाजिक समझ नहीं आता। दूसरी तरफ ऋषभ पंत है जिसकी उम्र मात्र 21 साल है। पिछले चार-पांच सालों मे उसने अनेक रिकार्ड बनाए-तोड़े हैं और अपनी अलग पहचान बना ली है। पूर्व आस्ट्रेलियन कप्तान रिकी पोंटिंग ने तो यहां तक कहा कि ऋषभ को छोड़ना तर्कसंगत निर्णय नहीं है, क्योंकि वह युवा है और वर्ल्ड कप उसके लिए अनुभव हासिल करने का बड़ा प्लेटफार्म साबित हो सकता था।

यह सही है कि पिछले कुछ समय से वह अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पा रहा। विकेट के पीछे और आगे वह कुछेक अवसरों पर अपनी ख्याति के अनुरूप नहीं खेल पाया। फिरभी इंग्लैंड के अख़बारों ने उसको इसलिए प्रमुखता से छापा क्योंकि वह अनेक अवसरों पर अपनी छाप छोड़ चुका है। उसे लेकर भारतीय मीडिया भी दो धड़ो में बंटा है लेकिन एक बड़ा वर्ग उसके पक्ष मे है|।जहाँ तक कार्तिक की बात है तो धोनी के फिट रहते उसे टीम में शायद ही जगह मिल पाए।

ऐसी स्थिति में ऋषभ को चुना जाना ज़्यादा असरदार रहता। वह बाहर बैठ कर धोनी से सीख ले सकता था और टीम इंडिया के लिए भविष्य का खिलाड़ी बन सकता था। भारतीय टेस्ट टीम में वह अपनी उपयोगिता साबित कर चुका है और वर्ल्ड क्रिकेट में बड़ा हस्ताक्षर माना जाने लगा है। अब उसके पास धैर्य से काम लेने और वरिष्ठ खिलाड़ियों से सीखने का मौका बचा है। इतना तय है कि उसका भविष्य सुरक्षित है और धोनी के बाद उसे ही विकेट के पीछे खड़ा होना है, क्योंकि बुरा वक्त जाते देर नहीं लगती।

(राजेंद्र सजवान)

Advertisement
Advertisement
Next Article