ऋषि सुनक : सबसे आगे होंगे हिन्दुस्तानी
भारतीय उपमहाद्वीप पर 1858 और 1947 के बीच ब्रिटिश शासन रहा।
12:54 AM Jul 15, 2022 IST | Aditya Chopra
भारतीय उपमहाद्वीप पर 1858 और 1947 के बीच ब्रिटिश शासन रहा। उस दौर में ब्रिटिश शासन का सूर्य कभी नहीं डूबता। ब्रिटेन ने 200 सालों तक भारत पर शासन किया और भारत को बहुत लूटा और यहां से अरबों की सम्पत्ति भी ले गए। धीरे-धीरे आजादी के आंदोलन ने राह पकड़ी और भारत 15 अगस्त, 1947 को आजाद हो गया। उसके बाद से ही ब्रिटिश शासन का सूर्य अस्त होता गया। आज ब्रिटेन काफी हद तक सिमट चुका है। भारत जबकि आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और यह हमारे लिए गर्व की बात है कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री की दौड़ में इसने दो ब्रिटिश भारतीयों सहित अपने विविध उम्मीदवारों की सूची के लिए इतिहास बना लिया। बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री चुनने के दौड़ में कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों ने पहले दौर की वोटिंग की। इस राउंड में सबसे ज्यादा वोट हासिल कर पूर्व वित्त मंत्री और भारवंशी ऋषि सुनक सबसे आगे निकल गए हैं। उनके साथ ही अटार्नी जनरल सुएला ब्रेवरमैन, विदेश सचिव लिज ट्रस, व्यापार मंत्री पेनी माईट, पूर्व कैबिनेट मंत्री केमी बैडेनोच और टॉम तुगेंदत भी इस दौड़ में शामिल हैं।
Advertisement
प्रधानमंत्री पद की दौड़ में अटार्नी जनरल सुएला ब्रेवरमैन भी भारतवंशी हैं। इन दोनों की दावेदारी में भारतीय माटी की सुगंध और तासीर महसूस की जा सकती है। हर भारतीयों को इस बात का अहसास हो रहा है कि ‘‘सबसे आगे होंगे हिन्दुस्तानी’’। यह बात सोचता है कि भारतीय जिस किसी भी देश में गए वहां की संस्कृति और संविधान को आत्मसात कर उन्होंने वहां के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अमेरिका हो, ब्रिटेन हो, कनाडा हो या फिर मॉरिशस या कोई अन्य देश। भारतीय मूल के लोगों ने वहां के राजनीति, प्रशासन और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपना योगदान दिया है। यही भारतीयों की खासियत है कि वह अपने देश की जमीन से जुड़े रहकर भी विदेशों में उच्च पद सम्भाल रहे हैं। ऋषि सुनक और सुएला ब्रेवरमैन दोनों ही 42 वर्ष के युवा नेता के तौर पर रेस में हैं। ब्रिटेन में जन्मे दोनों ही भारतीय मूल के राजनेताओं में बहुत समानता है। दाेनों ने ही 2016 के जनमत संग्रह में ब्रैक्जिट के लिए प्रचार किया था।
आज हर भारतीय को इस बात पर गर्व हो रहा है कि जिस भारत ने 200 साल तक अंग्रेजों की गुलामी सही। जिस आजादी के लिए भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चन्द्रशेखर आजाद समेत अनेक क्रांतिकारियों ने अपना बलिदान दिया, उस भारत के लोग आज ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की दौड़ में शामिल हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि इनकी उम्मीदवारी से ब्रिटेन के इतिहास की सबसे बड़ी विविधता नजर आई है। अभी उम्मीदवारों को कई पड़ाव पूरे करने हैं और नए पीएम की घोषणा 5 सितम्बर को की जाएगी। पहले दौर के मतदान के चलते जॉनसन कैबिनेट के पूर्व मंत्री जर्मी हंट और पूर्व वित्त मंत्री नदीम जहाबी, पीएम पद की दौड़ से बाहर हो गए हैं। ऋषि सुनक 25 फीसदी यानि 88 वोट लेकर पहले दौर की वोिटंग में टॉप पर हैं जबकि भारतीय मूल की सुएला ब्रेवरमैन 9 फीसदी वोट लेकर छठे स्थान पर हैं। अगर कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो ऋषि सुनक का प्रधानमंत्री बनना लगभग तय है। ऋषि सुनक इनफॉसिस के सह संस्थापक और दिग्गज कारोबारी नारायणमूर्ति के दामाद हैं। जब फरवरी 2020 में बोरिस जॉनसन सरकार में उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया तो इसके बाद वह खासे चर्चा में आ गए थे तब ब्रिटेन के एक प्रमुख सट्टेबाज ने यह भविष्यवाणी की थी कि बोरिस जॉनसन जल्द ही इस्तीफा दे सकते हैं और उनकी जगह ऋषि सुनक नए प्रधानमंत्री बन सकते हैं। ऋषि सुनक के माता-पिता भारतीय मूल के हैं। ऋषि के दादा-दादी का जन्म पंजाब प्रांत में हुआ था और वे बाद में 1960 के दशक में अपने बच्चों के साथ ब्रिटेन में आकर बस गए थे।
2015 में सांसद चुने जाने के बाद 2017 तक ऋषि सुनक ने पर्यावरण खाद्य और ग्रामीण मामलों की चयन समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया। उन्होंने 2016 में यूरोपीय संघ के जनमत संग्रह का समर्थन किया। उन्होंने ब्रेक्जिट के बाद मुक्त बंदरगारहों की स्थापना का समर्थन करने वाले सेंटर फॉर पालिसी स्टडीज के लिए एक रिपोर्ट भी लिखी और अगले वर्ष एमएमई के लिए एक खुदरा बांड बाजार के निर्माण की वकालत करते हुए एक रिपोर्ट लिखी। 2017 के आम चुनाव में उन्हें उसी सीट से सांसद के रूप में फिर से चुना गया था। उन्होंने जनवरी 2019 कंजरवेटिव पार्टी नेतृत्व चुनाव में पीएम बोरिस जानसन का समर्थन किया। यद्यपि ऋषि सुनक अपनी पत्नी से जुड़े टैक्स विवाद के कारण आरोपों के घेरे में भी रहे लेकिन उन्होंने कोरोना काल के दौरान ब्रिटेन को आर्थिक तंगी से उबारने के दौर में उनकी नीतियों ने ब्रिटेन में लोगों की मजदूरी नहीं घटने दी जिसके चलते उनकी लोकप्रियता में काफी इजाफा हुआ। भले ही ऋषि सुनक बढ़त बनाए हुए हैं लेकिन व्यापार मंत्री टैनी मार्डेट अभी भी उन्हें टक्कर दे रही हैं। कुछ सट्टेबाज पेनी के नाम की भविष्यवाणी कर रहे हैं। फिलहाल हर भारतीय की नजर इन चुनावों पर है कि आखिर होगा क्या?
Advertisement
आदित्य नारायण चोपड़ा
Adityachopra@punjabkesari.com
Advertisement