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मां बनने के बाद ब्लड प्रेशर का खतरा, जानें लक्षण और बचाव

डिलीवरी के बाद हाई ब्लड प्रेशर: सावधान रहें

10:22 AM May 20, 2025 IST | IANS

डिलीवरी के बाद हाई ब्लड प्रेशर: सावधान रहें

मां बनने के बाद ब्लड प्रेशर का खतरा  जानें लक्षण और बचाव

मां बनने के बाद महिलाओं में पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन का खतरा बढ़ सकता है। यह समस्या गर्भावस्था के दौरान या पहले से हाई ब्लड प्रेशर होने पर अधिक होती है। इसके लक्षणों में सीने में दर्द, सांस फूलना, धुंध दिखना शामिल हैं। सही समय पर जांच और इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

मां बनना हर महिला के जीवन का सबसे खास और भावनात्मक पल होता है। यह वह एहसास है जिसे शब्दों में पूरी तरह बयां नहीं किया जा सकता। कहा भी जाता है कि जब एक महिला मां बनती है, तो वह खुद भी एक नए रूप में जन्म लेती है। लेकिन इस नए जीवन के साथ बहुत सी चुनौतियां भी आती हैं। डिलीवरी के बाद महिला का शरीर थका हुआ होता है, उसमें कमजोरी आ जाती है और हार्मोन में बदलाव होता है। मूड स्विंग्स होने लगते हैं। कई महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी देखने को मिलती है। इसे पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन कहा जाता है। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है। आखिर यह है क्या, यह समस्या होती क्यों है और इसका क्या उपचार है, चलिए आपको बताते हैं।

पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय मेडिकल सेंटर के मुताबिक, पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन की समस्या लगभग 15 प्रतिशत महिलाओं को हो सकती है। यह समस्या अचानक नहीं होती है। अगर किसी महिला को गर्भावस्था से पहले या गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर रहा है, तो उसे डिलीवरी के बाद भी यह समस्या दोबारा हो सकती है। हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर एक गंभीर बीमारी है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, डिलीवरी के 42 दिन के अंदर होने वाली महिलाओं की मौतों में लगभग 10 प्रतिशत कारण हाई ब्लड प्रेशर होता है। इसलिए इसका समय पर ध्यान और इलाज बहुत जरूरी है।

पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन के लक्षण कई हैं, जिनमें सीने में दर्द, बेहोशी आना, बहुत तेजी से सांस फूलना, आंखों के सामने धुंध, चमक या धब्बे दिखना, हाथ, पीठ, गर्दन या जबड़े में दर्द, पसीना आना या मिचलाना, सूखी खांसी, दिल की धड़कन तेज होना, अचानक वजन बढ़ना, ज्यादा थकावट होना, तेज सिरदर्द और पैरों या टखनों में सूजन आदि शामिल हैं।

अगर किसी महिला को डिलीवरी के बाद ये लक्षण हैं, तो उन्हें अपने डॉक्टर से नियमित रूप से मिलते रहना चाहिए, ताकि ब्लड प्रेशर और बाकी जरूरी जांच की जा सके। दिन में कम से कम एक या दो बार खुद अपना ब्लड प्रेशर चेक करें। डॉक्टर के अनुसार दवाइयां और डाइट लें। सही निगरानी और इलाज से इस समस्या को कंट्रोल में किया जा सकता है।

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