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राजद शासनकाल में बाढ़, सूखा पीड़ितों को नहीं मिलती थी राहत : सुशील मोदी

जनता अच्छी तरह जानती है कि राज्य व केंद्र की राजग सरकार चतुर्दिक विकास के साथ ही आपदा के समय भी पूरी मुस्तैदी से उनके साथ खड़ी रहने वाली है।

06:34 PM May 11, 2019 IST | Desk Team

जनता अच्छी तरह जानती है कि राज्य व केंद्र की राजग सरकार चतुर्दिक विकास के साथ ही आपदा के समय भी पूरी मुस्तैदी से उनके साथ खड़ी रहने वाली है।

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजद और कांग्रेस के जमाने में बाढ़ और सूखे की राहत कागज तक सिमट कर रह जाती थी और पीड़ित किसान टकटकी लगाए रह जाते थे। बाढ़ आने के तीन महीने बाद लाभार्थियों की सूची तैयार होती थी और पांच-दस किलो अनाज बंटते-बंटते फिर से बाढ़ आ जाती थी। मोदी ने आरोप लगाया कि उनके शासनकाल में सूखा पीड़ितों को राहत देने की कभी कोई परिपाटी ही नहीं थी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता मोदी ने यहां शनिवार को पत्रकारों से कहा, ‘राजग की सरकार ने इस साल अल्पवर्षा और सूखे की स्थिति के मद्देनजर 25 जिले के 280 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित कर 14 लाख से ज्यादा किसानों को 913़92 करोड़ रुपये का अनुदान वितरित किया है।’ उन्होंने दावा किया कि सूखाग्रस्त किसानों को सिंचित क्षेत्र के लिए अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए 27,000 रुपये और असिंचित क्षेत्र के लिए 13,600 रुपये की सहायता राशि दी गई है।

इसी प्रकार 2017 में आई अचानक बाढ़ के बाद 38 लाख से अधिक पीड़ित परिवारों के बैंक खाते में 6-6 हजार रुपये की दर से 2,290 करोड़ रुपये की तत्काल मदद देने के साथ ही बाढ़ राहत के कार्यो पर सरकार ने 4,188 करोड़ रुपये खर्च किया। मोदी ने आगे कहा, ‘यही कारण है कि किसानों-गरीबों को बरगला कर वोट लेने वाले राजद, कांग्रेस विकास पर चर्चा करने से परहेज कर रही है। बिहार की जनता अच्छी तरह जानती है कि राज्य व केंद्र की राजग सरकार चतुर्दिक विकास के साथ ही आपदा के समय भी पूरी मुस्तैदी से उनके साथ खड़ी रहने वाली है।’

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