रोहिणी ब्रांच और पश्चिम विहार ब्रांच ही समझी
हर साल गर्मी की छुट्टियों में सबको होमवर्क दिया जाता है और ऑनलाइन कम्पटीशन करवाया जाता है। इस बार हमने होमवर्क तो दिया। परन्तु कम्पटीशन नहीं करवाया। सोचा इस बार ऐसे ही देखते हैं कि कैसी प्रस्तुति हमारे सदस्य करते हैं। हमने कहा था कि सदस्य अपने पोते-पोती या नातियों के साथ मिलकर गीत गाएं, एक्टिंग करें, कविता सुनाएं या भजन गाएं, कुछ भी करें ताकि उनका आपसी संबंध समझ आए या उनका मधुर रिश्ता सबके सामने आए। दादा-दादी, पोते-पोतियों का प्यार और नाना-नानी, नातियों का प्यार बढ़े। एक मधुर रिश्ता है जो प्यार दादा-दादी, नाना-नानी बच्चों को दे सकते हैं वो और कोई नहीं, जो संस्कार दादा-दादी, नाना-नानी से बच्चे सीखते हैं वो और किसी से नहीं सीख सकते।
परन्तु यह क्या सभी ब्रांच के सदस्य इस होमवर्क को समझ ही नहीं पाए। उन्होंने अपनी वीडियो बनाकर भेजनी शुरू कर दी। सिर्फ रोहिणी ब्रांच और पश्चिम विहार के कुछ सदस्य ही समझ सके। रोहिणी की सदस्या साधना आर्य (69) ने अपने बेटे 34 वर्षीय मोहित आर्य के साथ वीडियो भेजा। रोहिणी के ही शाम सुन्दर 75 वर्षीय ने अपनी पोतियों के साथ जानवरों की आवाज सुनाई, क्या मजेदार वीडियो है। दादा कुत्ते की आवाज निकाल रहे, बिल्ली की आवाज निकाल रहे हैं और पोतियां कितनी खुश हो रही हैं।
अगर हम उन सबकी खुशी को महसूस करें तो हमें समझ आएगा कि इस पल की क्या महत्वता है। दादा के यह सुनहरे पल हैं जो अपनी पोतियों के साथ बिता रहे हैं। उनकी पोतियां जो अपने दादा के साथ समय बिता रही हैं और कुछ सीख रही हैं।
यही नहीं ऊषा मेहता (69) ने अपनी पोती आशीक मेहता के साथ पहेलियां खेलीं। इसमें दोनों की दिमागी कसरत हो रही है। ऊषा मेहता अपनी पुरानी पहेलियां याद कर रही हैं और पोती उसको बूझने के लिए अपना दिमाग लड़ा रही है। कितना प्यारा रिश्ता है दादी और पोती कितना अच्छा समय बिता रही हैं।
पश्चिम विहार की मीना तिवारी जो बहुत ही एक्टिव सदस्य हैं। उन्होंने अपने नाती अभिज्ञान और आयुष्मान को सावन के महीने के रुद्राभिषेक के बारे में ज्ञान दिया। नानी ने बातों ही बातों में कितना बड़ा ज्ञान दे दिया। यही नहीं जो वीडियो बच्चे देखेंगे उनको भी ज्ञान मिलेगा।
सबसे अधिक जिनको इस विषय की समझ आई वो रोहिणी की संतोष पटियाल 78 वर्षीय हैं, जिन्होंने अपनी पोती छवि पटेल के साथ भजन गाया। वाह! क्या बात है दोनों ने मिलकर गाया। एक लाइन दादी और एक लाइन पोती गा रही है, क्या जुगलबंदी है। दादी-पोती का क्या तालमेल है। दादी ने भजन के साथ पोती को संस्कार दिए और पोता ने दादी के साथ भजन गाककर यह बता दिया कि वह आज के युग की पोती होने के साथ-साथ अपनी दादी के साथ भारतीय संस्कारों को जीवित रख रही है।
रोहिणी के को-हैड कमल अरोड़ा जी जो हर प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हैं, जो 71 वर्षीय हैं। सबके लिए प्रेरणास्रोत हैं। अपनी पोती के आदया अरोड़ा के साथ जिन्दगी के गीत को समझा रहे हैं। कितना प्यारा समय होगा जब दादा-पोती ने मिलकर अभ्यास किया होगा और मिलकर गीत गाया होगा।
यही नहीं पश्चिम विहार की हरभजन ग्रेवाल ने अपनी पोती और पोतों के साथ बहुत पुराना गीत जो कभी पुराना नहीं होता आज भी नया है। दादी अम्मा-दादी अम्मा मान जाओ पर क्या एक्टिंग की है। दादी के साथ पोते-पोतियों का एक्टिंग करने में अपना अलग ही अंदाज और आनंद है।
अभी-अभी पश्चिम विहार के 92 वर्षीय मनोहर खेड़ा जी ने अपनी पोती हितीका के साथ गाना गाया और उसका जन्मदिन मनाया। क्या खुशियां हैं, उनका सारा परिवार उनके साथ है। कहने का भाव है कुछ लोगों को ही हमारा कम्पीटिशन समझ आया, वो अपनी वीडियो बनाकर भेज रहे हैं। अरे भाई! ध्यान से पढ़ो और समझो इस विषय में प्यार है, संदेश है, अहसास है, प्रेरणा है।