सिराज-हेड विवाद पर रोहित शर्मा का बयान, ‘लिमिट पर न होने देना मेरी ज़िम्मेदारी’
रोहित का सिराज-हेड विवाद पर बयान: खेल की मर्यादा बनाए रखना ज़रूरी
एडिलेड टेस्ट में भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन मुकाबले के दौरान मोहम्मद सिराज और ट्रेविस हेड के बीच हुई गर्मागर्म बहस चर्चा का मुख्य केंद्र बन गई। दूसरे दिन ट्रेविस हेड के आउट होने के बाद यह विवाद शुरू हुआ।
क्या हुआ सिराज और हेड के बीच?
ट्रेविस हेड ने दावा किया था कि उन्होंने सिराज को “अच्छी गेंदबाजी” कहकर सराहा था, लेकिन सिराज ने इसे नकारते हुए कहा कि हेड ने ऐसा कुछ नहीं कहा और सब देख सकते हैं कि असल में मैदान पर क्या कहा गया।
इस मामले पर भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मैं स्लिप में खड़ा था, इसलिए मुझे पूरी बात पता नहीं कि दोनों के बीच क्या कहा गया। लेकिन जब दो प्रतिस्पर्धी टीमें आमने-सामने होती हैं, तो इस तरह की घटनाएं हो जाती हैं। ट्रेविस अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे, और हमारी योजना उन्हें आउट करने की थी। जब विकेट मिला, तो जश्न मनाया गया।”
रोहित ने आगे कहा, “भारत और ऑस्ट्रेलिया के मैचों में ऐसा होना आम बात है। ये खेल का हिस्सा है, और हमें इसे ज़्यादा गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।”
‘भीड़ के तानों से सिराज पर कोई असर नहीं पड़ेगा’: रोहित शर्मा
ट्रेविस हेड को आउट करने के बाद सिराज ने उन्हें पवेलियन भेजते वक्त तीखा रिएक्शन दिया, जिससे एडिलेड की भीड़ ने सिराज को जमकर हूट करना शुरू कर दिया। इस पर रोहित ने सिराज का समर्थन करते हुए कहा, “सिराज को मुकाबले का मजा लेना पसंद है। उसे इससे सफलता मिलती है। और एक कप्तान के तौर पर मेरा काम है उसकी इस आक्रामकता को समर्थन देना।”
रोहित ने हालांकि कहा, “एक पतली रेखा होती है, जिसे पार नहीं करना चाहिए। विरोधी टीम से एक-दो शब्दों का आदान-प्रदान कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होता है कि चीज़ें नियंत्रण में रहें।”
उन्होंने आगे कहा, “सिराज जानता है कि उसे टीम के लिए क्या करना है। भीड़ का व्यवहार उसके प्रदर्शन पर कोई असर नहीं डालेगा। वो परिपक्व हो चुका है और बाहरी चीज़ों को अपने खेल पर हावी नहीं होने देगा। उसका फोकस सिर्फ विकेट लेना है, और वो अपनी पूरी कोशिश करता रहेगा।”
कैसे संभाल रहे हैं रोहित टीम को?
रोहित ने जोर देते हुए कहा कि उनकी जिम्मेदारी है यह देखना कि खिलाड़ी मैदान पर आक्रामक तो रहें, लेकिन खेल की मर्यादा न तोड़ें। “हम यह सुनिश्चित करते हैं कि किसी भी विवाद से बचा जाए। लेकिन खेल के दौरान थोड़ी बहुत बात-चीत खेल का ही हिस्सा है।”