टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

प्रत्यक्ष कर वसूली में 50 हजार करोड़ रुपये की आई कमी

प्रत्यक्ष कर संग्रह के लक्ष्य से कम रहने और इसके साथ ही माल एवं सेवाकर (जीएसटी) वसूली भी कम होने का राजकोषीय घाटे की लक्ष्य प्राप्ति पर असर पड़ सकता है।

12:45 PM Apr 10, 2019 IST | Desk Team

प्रत्यक्ष कर संग्रह के लक्ष्य से कम रहने और इसके साथ ही माल एवं सेवाकर (जीएसटी) वसूली भी कम होने का राजकोषीय घाटे की लक्ष्य प्राप्ति पर असर पड़ सकता है।

नई दिल्ली : सरकार का प्रत्यक्ष कर संग्रह वर्ष 2018- 19 के संशोधित बजट लक्ष्य के मुकाबले 50,000 करोड़ रुपये कम रह सकता है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सरकार ने पिछले वित्त वर्ष के लिये प्रत्यक्ष कर संग्रह के संशोधित लक्ष्य को बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपये कर दिया था।

Advertisement

प्रत्यक्ष कर संग्रह के लक्ष्य से कम रहने और इसके साथ ही माल एवं सेवाकर (जीएसटी) वसूली भी कम होने का राजकोषीय घाटे की लक्ष्य प्राप्ति पर असर पड़ सकता है। सरकार ने राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया है। अधिकारी ने कहा कि वर्ष 2018-19 का प्रत्यक्ष कर संग्रह 11.5 लाख करोड़ रुपये के आसपास रहा है। सरकार को बीते वित्त वर्ष में कंपनियों से अधिक कर मिलने की उम्मीद थी।

यही वजह है कि उसने 2018-19 के लिये प्रत्यक्ष कर संग्रह के बजट लक्ष्य को 11.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर संशोधित अनुमान में 12 लाख करोड़ रुपये कर दिया। फरवरी में पेश अंतरिम बजट में कर वसूली के अनुमान को संशोधित किया गया। इसी प्रकार जीएसटी संग्रह के अनुमान को भी संशोधित कर 7.44 लाख करोड़ रुपये से कम करके 6.44 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया।

प्रत्यक्ष कर संग्रह के साथ ही अप्रत्यक्ष कर में जीएसटी संग्रह के भी संशोधित लक्ष्य से कम रहने का अनुमान व्यक्ति किया गया है। उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद ने 2018- 19 के दौरान कई वस्तुओं पर जीएसटी की दर को घटाया है।

Advertisement
Next Article