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RSS ने तमिलनाडु में 6 नवंबर को होने वाले कार्यक्रम किए स्थगित, 44 जगहों पर मार्च करने की मिली अनुमति

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने तमिलनाडु में छह नवंबर को होने वाले अपने मार्च और अन्य कार्यक्रम स्थगित करने तथा शर्तों के साथ इन कार्यक्रमों को अनुमति देने के मद्रास उच्च न्यायालय की एकल पीठ के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है।

01:36 PM Nov 05, 2022 IST | Desk Team

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने तमिलनाडु में छह नवंबर को होने वाले अपने मार्च और अन्य कार्यक्रम स्थगित करने तथा शर्तों के साथ इन कार्यक्रमों को अनुमति देने के मद्रास उच्च न्यायालय की एकल पीठ के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है।

rss ने तमिलनाडु में 6 नवंबर को होने वाले कार्यक्रम किए स्थगित  44 जगहों पर मार्च करने की मिली अनुमति
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने तमिलनाडु में छह नवंबर को होने वाले अपने मार्च और अन्य कार्यक्रम स्थगित करने तथा शर्तों के साथ इन कार्यक्रमों को अनुमति देने के मद्रास उच्च न्यायालय की एकल पीठ के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है।
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आरएसएस के एक सूत्र ने शनिवार को पुष्टि की कि संगठन ने मार्च निकालने और जनसभाएं आयोजित करने के कार्यक्रम को स्थगित करने का फैसला किया है। उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु में 50 के बजाय 44 स्थानों पर कुछ शर्तों के साथ इन कार्यक्रमों के आयोजन की अनुमति दी थी।
RSS ने राज्य में 50 जगहों पर रैली करने की अनुमति मांगी थी
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मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को तमिलनाडु पुलिस को निर्देश दिया था कि वह आरएसएस को छह नवंबर को राज्य में 44 जगहों पर ‘मार्च’ निकालने और जनसभाएं करने की अनुमति दे। न्यायमूर्ति जी के इलानथिरैयां ने महज खुफिया विभाग की सूचनाओं के आधार पर राज्य में 47 जगहों पर रैली की अनुमति नहीं देने को लेकर पुलिस को फटकार लगाने के बाद उक्त निर्देश जारी किए थे। खुफिया विभाग ने भी तमिलनाडु में कुछ ही जगहों के संबंध में अपनी सूचना दी थी।
न्यायाधीश ने कहा था कि राज्य में उन छह जगहों पर रैलियों की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि वहां हालात सही नहीं हैं। यह छह जगह कोयंबटूर, मेत्तुपलयाम, पोल्लाची (तीनों कोयंबटूर जिले में), तिरुपुर जिले में पल्लादम, कन्याकुमारी जिले में अरुमनाई और नागरकोईल हैं। अदालत ने कहा था कि अगर इनमें से किसी भी शर्त का उल्लंघन होता है तो संबंधित पुलिस अधिकारी कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं।
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