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महिलाओं के बारे में संघ प्रमुख मोहन भागवत के कथित विचारों को लेकर बिहार विधानसभा में हंगामा

बिहार विधानसभा में मंगलवार को उस समय शोरगुल की स्थिति उत्पन्न हो गयी, जब विपक्षी राजद द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के बारे में की गई एक टिप्पणी को लेकर भाजपा में आक्रोश व्याप्त हो गया।

04:38 AM Mar 09, 2022 IST | Shera Rajput

बिहार विधानसभा में मंगलवार को उस समय शोरगुल की स्थिति उत्पन्न हो गयी, जब विपक्षी राजद द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के बारे में की गई एक टिप्पणी को लेकर भाजपा में आक्रोश व्याप्त हो गया।

बिहार विधानसभा में मंगलवार को उस समय शोरगुल की स्थिति उत्पन्न हो गयी, जब विपक्षी राजद द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के बारे में की गई एक टिप्पणी को लेकर भाजपा में आक्रोश व्याप्त हो गया।
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बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सम्मान के प्रतीक के रूप में कृषि विभाग के बजट पर बहस के दौरान सदन के संचालन के लिए वरिष्ठ विधायक ज्योति देवी को नामित किया गया था और विभिन्न दलों की महिला विधायक रोस्टर के अनुसार अपनी-अपनी बातें रख रही थीं।
राजद की वरिष्ठ विधायक और राज्य की पूर्व मंत्री अनीता देवी ने केंद्र और राज्य में राजग सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि बिहार सहित देश में किसान बढ़ती उत्पादन लागत के बीच कम आमदनी के कारण पीड़ित हैं।
अनीता देवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की आय को दोगुना करने के वादे को याद करते हुए आरोप लगाया कि यह डेढ़ गुना भी नहीं बढ़ा है। इस पर भाजपा विधायकों ने आपत्ति की। वहीं, अनीता देवी द्वारा महिलाओं के बारे में भागवत के विचारों संबंधी मीडिया की खबरों का हवाला दिए जाने पर भाजपा नेता जबरदस्त हंगामा करने लगे।
उपमुख्यमंत्री रेणु देवी सहित भाजपा की अन्य महिला विधायकों के भी विरोध जताया। रेणु देवी ने कहा कि राजद विधायक आरएसएस के बारे में जानकारी नहीं होने के कारण ऐसा बोल रही हैं। उन्होंने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘एक राजनेता के रूप में मेरा खुद का उत्थान उस उच्च सम्मान का प्रमाण है जिसमें आरएसएस महिलाओं को रखता है। स्वतंत्रता संग्राम के दिनों से ही महिलाएं संघ से जुड़ी हुई हैं।’’
इस बीच, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने हस्तक्षेप किया और उन्होंने अपनी मां और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के खिलाफ की गईं टिप्पणियों का जिक्र किया, जिन्होंने बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में अपनी प्रशासनिक और राजनीतिक जिम्मेदारियों का निर्वहन किया था।
बाद में तेजस्वी यादव ने अपना फोन निकाला और मोहन भागवत के बारे में एक प्रमुख समाचार वेबसाइट द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट को पढ़ना शुरू किया, जिसके बाद सदन में नए सिरे से शोरगुल शुरू हो गया।
वहीं, भाजपा विधायक संजय सरावगी ने कहा कि जो व्यक्ति सदन में मौजूद ही नहीं है उसके बारे में कैसे टिप्पणी की जा सकती है और इसे सदन की कार्यवाही से हटाया जाना चाहिए। इस पर, यादव ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि क्या यह तानाशाही है।
उन्होंने कहा, ”जब उपमुख्यमंत्री आरएसएस और भागवत की प्रशंसा करेंगी तो उसे कार्यवाही का हिस्सा बनने दिया जाएगा। लेकिन जब हम किसी मीडिया रिपोर्ट से उद्धरण देते हैं तो उसे हटा दिया जाएगा। यह किस तरह का नियम है।”
हालांकि, सदन के बाहर विपक्ष के नेता यादव से इस मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘यह अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। हमारे विधायक इस तथ्य को रेखांकित कर रहे थे कि भागवत महिलाओं के लिए घरेलू भूमिका की वकालत करते हैं। वे चाहते हैं कि महिला गृहिणी बनकर रहें। मैंने अपने विधायक के समर्थन में बोला था, ऐसे में भाजपा के लोगों को मिर्ची तो लगेगी ही।”
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