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वक्फ JPC रिपोर्ट पर सत्ता पक्ष की सराहना, विपक्ष की कड़ी आलोचना

वक्फ विधेयक पर जेपीसी रिपोर्ट पर सत्ता और विपक्ष में तीखी बहस

10:17 AM Feb 13, 2025 IST | IANS

वक्फ विधेयक पर जेपीसी रिपोर्ट पर सत्ता और विपक्ष में तीखी बहस

वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट गुरुवार को राज्यसभा के पटल पर रखी गई। बिल को सत्तापक्ष के सांसदों ने अल्पसंख्यकों के हित वाला बताया, तो दूसरी तरफ विपक्षी सांसदों ने दावा किया कि वे इससे असहमत हैं और उन्होंने डिसेंट नोट दे दिया है।

भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताया। बोले, “यह बहुत ऐतिहासिक क्षण है। जेपीसी के अध्यक्ष और सदस्यों ने जिस तरह से सभी सुझावों को समाहित किया था। उन्होंने इसे लाने से पहले तमाम धर्म गुरुओं से पहले भी बात की थी और इस दौरान भी बात की। यह बहुत अच्छा संशोधित बिल है। इसमें अल्पसंख्यकों के हित का भाव छिपा हुआ है।”

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा, “वक्फ बिल की रिपोर्ट पर कई सांसदों ने अपनी असहमति जताई है। मैंने भी अपना डिसेंट नोट दिया है। वर्तमान बिल में जो भी लापरवाही की गई हैं, मैंने उसका उस नोट में उल्लेख किया है। जब चर्चा होगी तो हम इसका खुलासा करेंगे।”

लोजपा (आर) सांसद अरुण भारती ने कहा, “अगस्त 2024 में जब यह बिल सदन के पटल पर रखा गया था, उस समय हमारे अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा था कि इस बिल पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए। सभी पक्षों को बोलने का मौका देना चाहिए और सभी की समस्याओं को सुनना चाहिए। इसके बाद इस पर जेपीसी गठित की गई। व्यापक चर्चा हुई। इस पर सभी के सुझाव लिए गए। जो लोग नहीं आ सकते थे, जेपीसी वहां भी गई, वहां जाकर उनके विचारों को जाना। इसके सभी चीजों का बिल में डालकर इसमें संशोधन किया गया है। इसमें हर चीज पर वोटिंग हुई है और सभी सदस्यों ने इस पर भाग लिया है। अब यह सकारात्मक बिल है जो सभी को मंजूर होगा।”

जेपीसी सदस्य मेधा कुलकर्णी ने कहा, “यह ऐतिहासिक बिल है। सरकार की तरफ से बहुत अच्छे काम किए हैं। यह ऐतिहासिक निर्णय होगा। जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने इस पर बहुत सी आपत्तियां लीं। सभी के हित को देखते हुए इस बिल को तैयार किया गया है। यह गरीब मुस्लिमों के हित के लिए बनाया गया बिल है। मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि राज्यसभा में इसे मुझे पेश करने का मौका मिला।”

बीजू जनता दल के राज्यसभा सांसद सस्मित पात्रा ने कहा, “यह रिपोर्ट बहुत ही बेकार है। इसमें जो बदलाव करने थे, उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया है। बीजू जनता दल की तरफ से इस बिल को लेकर हमारी गंभीर चिंताएं हैं। इसमें बहुत सारे बदलाव करने की आवश्यकता थी।”

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, “यह बिल देश के इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा। लिखा जाएगा कि इस देश की सरकार ने कैसे देश के अल्पसंख्यकों के साथ संख्या बल के आधार पर क्रूर व्यवहार किया गया।”

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