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एयर इंडिया के बंद होने की अफवाहें निराधार, उड़ान भरती रहेगी : सीएमडी

सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अश्वनि लोहानी ने शनिवार को कहा कि कंपनी के बंद होने को लेकर अफवाहें पूरी तरह आधारहीन हैं। एयर इंडिया उड़ान भरती रहेगी और परिचालन का विस्तार भी करेगी। सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश का फैसला किया हुआ है।

05:10 PM Jan 04, 2020 IST | Shera Rajput

सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अश्वनि लोहानी ने शनिवार को कहा कि कंपनी के बंद होने को लेकर अफवाहें पूरी तरह आधारहीन हैं। एयर इंडिया उड़ान भरती रहेगी और परिचालन का विस्तार भी करेगी। सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश का फैसला किया हुआ है।

सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अश्वनि लोहानी ने शनिवार को कहा कि कंपनी के बंद होने को लेकर अफवाहें पूरी तरह आधारहीन हैं। एयर इंडिया उड़ान भरती रहेगी और परिचालन का विस्तार भी करेगी। सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश का फैसला किया हुआ है। 
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लोहानी ने ट्वीट किया, ‘‘एयर इंडिया के बंद होने या परिचालन रोके जाने की अफवाहें आधारहीन हैं। एयर इंडिया उड़ान भरती रहेगी और परिचालन का विस्तार भी करेगी। यात्री हों या कॉरपोरेट या एजेंट, किसी को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। एयर इंडिया अभी भी देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी है।’’ 
हालांकि, लोहानी ने कुछ ही सप्ताह पहले नागर विमानन मंत्रालय को भेजे पत्र में कहा था कि एयर इंडिया की वित्तीय स्थिति परिचालन जारी रखने के लिहाज से बेहद खस्ताहाल है। उन्होंने कहा था कि सरकार से लगातार जिस मदद की मांग की जा रही है, यदि वह नहीं मिली तो कंपनी को परिचालन बंद करना पड़ सकता है। 
नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी एयर इंडिया के परिचालन जारी रखने को लेकर शंका जता चुके हैं हालांकि, उन्होंने भी 31 दिसंबर को स्पष्ट किया कि विनिवेश हाने तक सरकारी विमानन कंपनी उड़ान भरती रहेगी। उन्होंने माना कि एयर इंडिया को रोजाना 20 से 26 करोड़ रुपये तक का नुकसान हो रहा है। 
एयर इंडिया को 2018- 19 में 8,556 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था और उसका कुल कर्ज 80,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। वर्ष 2018 में सरकार ने एयर इंडिया में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव रखा था। इसके साथ प्रबंधन नियंत्रण सौंपने का भी प्रस्ताव था लेकिन इस प्रस्ताव के तहत बोली लगाने वाला कोई आगे नहीं आया। 
इसके बाद सरकार ने इस साल फिर से एयर इंडिया के विनिवेश प्रक्रिया की शुरुआत की है। इस बार केन्द्र सरकार ने कंपनी में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव किया है ताकि निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। 
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