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यूक्रेन संकट: चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट पर रूस ने किया कब्जा, जानें क्यों है बेहद खतरनाक और क्या होगा अंजाम

रूस और यूक्रेन के बीच हुए महायुद्ध की शुरुआत से विश्व में तनाव बढ़ रहा है, वहीं रूसी सेना ने यूक्रेन में चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट पर कब्जा कर लिया है।

11:48 AM Feb 25, 2022 IST | Desk Team

रूस और यूक्रेन के बीच हुए महायुद्ध की शुरुआत से विश्व में तनाव बढ़ रहा है, वहीं रूसी सेना ने यूक्रेन में चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट पर कब्जा कर लिया है।

रूस और यूक्रेन के बीच हुए महायुद्ध की शुरुआत से विश्व में तनाव बढ़ रहा है, वहीं रूसी सेना ने यूक्रेन में चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट पर कब्जा कर लिया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के कार्यालय में एक सलाहकार, मायखाइलो पोडोलीक ने कहा, “यह कहना असंभव है कि चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र रूसियों द्वारा पूरी तरह से व्यर्थ हमले के बाद सुरक्षित है। यह आज यूरोप में सबसे गंभीर खतरों में से एक है।”
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वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कही थी यह बात 
इससे पहले गुरुवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने ट्विटर पर कहा कि रूसी सेना निष्क्रिय परमाणु ऊर्जा संयंत्र को जब्त करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “हमारे रक्षक अपनी जान दे रहे हैं ताकि 1986 की त्रासदी दोबारा न हो। यह पूरे यूरोप के खिलाफ युद्ध की घोषणा है।” बताते चलें कि ज़ेलेंस्की 26 अप्रैल 1986 को बिजली संयंत्र में हुए विस्फोट का जिक्र कर रहे थे, जिसके कारण मानव इतिहास में सबसे भीषण परमाणु आपदा आई थी। आपदा के बाद संयंत्र को निष्क्रिय कर दिया गया था और बाद में यह एक पर्यटक आकर्षण बन गया।
जानें क्या हो सकता है जरा सी चूक का अंजाम?
रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला शुरू करने से एक सप्ताह पहले चेरनोबिल अपवर्जन क्षेत्र पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूक्रेनी आंतरिक मंत्रालय के एक सलाहकार एंटोन हेराशचेंको ने परमाणु ऊर्जा संयंत्र के आसपास के क्षेत्र में लड़ने के खिलाफ चेतावनी दी, “यदि आक्रमणकारी चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट और परमाणु कचरे के संग्रहकर्ताओं को हिट और नुकसान पहुंचाती है, तो यूक्रेन, बेलारूस और यूरोपीय संघ के देशों के क्षेत्र में रेडियोधर्मी परमाणु धूल फैल सकती है।”
पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ शुरू किया “सैन्य अभियान”
बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को यूक्रेन के खिलाफ “सैन्य अभियान” शुरू किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि रूस के पास यूक्रेन से निकलने वाले खतरों के खिलाफ खुद का बचाव करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। ज़ेलेंस्की ने हालांकि मास्को के इस आरोप को खारिज कर दिया कि उनके देश ने रूस के लिए एक चुनौती पेश की और कहा कि एक आक्रमण से हजारों लोगों की जान जा सकती है। रूस और यूक्रेन 2014 से संघर्ष में लगे हुए हैं जब रूस ने यूक्रेन के क्रीमियन प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया और देश के पूर्वी क्षेत्रों डोनेट्स्क और लुहान्स्क में अलगाववादी विद्रोह का समर्थन किया।

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