रूस ने फिर निभाई दोस्ती, आतंकवाद के खिलाफ भारत का समर्थन किया
भारत-रूस की आतंकवाद पर संयुक्त लड़ाई
रूस ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ एकजुटता में खड़ा होने की पुष्टि की। भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने रूसी अधिकारियों से मुलाकात कर आतंकवाद के खिलाफ साझा रुख को मजबूत किया।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में गत 22 अप्रैल को हुए जघन्य आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए रूस ने शुक्रवार को कहा कि वह आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के उन्मूलन के लिए देश के साथ एकजुटता से खड़ा है। डीएमके सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में भारत के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने यहां अंतर्राष्ट्रीय मामलों की समिति के प्रथम उपाध्यक्ष एंड्री डेनिसोव सहित रूसी संघीय परिषद के वरिष्ठ सदस्यों से मुलाकात की और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रुख की पुष्टि की।
‘छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं’, रूस दौरे से पहले प्रतिनिधिमंडल का स्पष्ट संदेश
रूस में भारतीय दूतावास ने एक्स पर पोस्ट किया, “रूसी संघ की फेडरेशन काउंसिल में सांसद कनिमोझी करुणानिधि के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने अंतर्राष्ट्रीय मामलों की समिति के प्रथम डिप्टी चेयर एंड्री डेनिसोव और अन्य सीनेटरों से मुलाकात की। रूसी पक्ष ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की और कहा कि रूस आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के उन्मूलन के लिए भारत के साथ एकजुटता में खड़ा है! आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में रूस और भारत की स्थिति एक जैसी है।”
इससे पहले, प्रतिनिधिमंडल को रूस में भारतीय राजदूत विनय कुमार ने आधिकारिक बैठकों की शुरुआत से पहले द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी, जिसमें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के वैश्विक आउटरीच अभियान के तहत आतंकवाद के सभी रूपों से लड़ने में भारत के दृढ़ संकल्प पर प्रकाश डाला गया। रूस में भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “राजदूत विनय कुमार ने आधिकारिक वार्ता शुरू करने से पहले सांसदों कनिमोझी, राजीव राय, बृजेश चौटा, प्रेम चंद गुप्ता, अशोक कुमार मित्तल और राजदूत मंजीव पुरी को भारत-रूस संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी।”