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26वें दिन भी जारी है रूस Vs यूक्रेन की जंग, जेलेंस्की ने इजराइल से की ये अपील, जानें अब तक के ताजा अपडेट

चेरनोबिल परमाणु संयंत्र के प्रबंधन ने रविवार को कहा कि 24 फरवरी को रूसी सेना द्वारा संयंत्र पर कब्जा किए जाने के बाद से वहां तैनात 50 कर्मचारियों को बदल दिया गया है।

01:35 PM Mar 21, 2022 IST | Desk Team

चेरनोबिल परमाणु संयंत्र के प्रबंधन ने रविवार को कहा कि 24 फरवरी को रूसी सेना द्वारा संयंत्र पर कब्जा किए जाने के बाद से वहां तैनात 50 कर्मचारियों को बदल दिया गया है।

चेरनोबिल परमाणु संयंत्र के प्रबंधन ने रविवार को कहा कि 24 फरवरी को रूसी सेना द्वारा संयंत्र पर कब्जा किए जाने के बाद से वहां तैनात 50 कर्मचारियों को बदल दिया गया है। यह संयंत्र 1986 में हुए दुनिया के सबसे भयावह परमाणु हादसे का गवाह है। अधिकारी लगातार इस बात को लेकर चिंता जता रहे थे कि कर्मचारियों से पिछले कई हफ्तों से बिना ब्रेक के अत्यधिक काम करवाया जा रहा है, जिसके चलते वे बुरी तरह से थक चुके हैं और निष्क्रिय संयंत्र की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। हालांकि, चेरनोबिल संयंत्र का प्रबंधन संभालने वाले अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि कर्मचारियों को छुट्टी देने और उनकी जगह नए लोगों को तैनात करने पर सहमति कैसे बनी।
चीन ने रूस के आक्रमण पर बीजिंग की निंदा का किया बचाव 
अमेरिका में चीन के राजदूत किन गुआंग ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा न करने के बीजिंग के फैसले का बचाव किया। उन्होंने दावा किया कि इस तरह की निंदा हिंसा रोकने में कोई योगदान नहीं देगी। ‘सीबीएस’ के ‘फेस द नेशन’ कार्यक्रम में किन ने कहा कि चीन की निंदा से कोई मदद नहीं मिलने वाली है और उन्हें संदेह है कि इसका रूस पर कोई असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि चीन अपने पड़ोसी रूस से अच्छे-दोस्ताना संबंध चाहता है और वह उसके साथ सामान्य व्यापारिक, आर्थिक, वित्तीय और ऊर्जा सहयोग बनाए रखेगा।
चीन ने रूस से की संघर्ष-विराम लागू करने की अपील 
किन ने कहा कि चीन ने सुलह-समझौते और कूटनीति के जरिये शांति वार्ता के प्रयासों को आगे बढ़ाना और रूस से तत्काल संघर्ष-विराम लागू करने की अपील जारी रखी है। चीनी राजदूत का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को दी गई उस चेतावनी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर बीजिंग ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई में मॉस्को को कोई मदद दी तो इसके परिणाम चीन के लिए भी नुकसानदेह होंगे।
जेलेंस्की ने की इजराइल से कड़ा रुख अख्तियार करने की अपील
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रविवार को इजराइल से रूस के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करने की अपील की। उन्होंने अपने देश पर रूसी आक्रमण की तुलना द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी जर्मनी द्वारा यहूदियों पर किए गए अत्याचारों से भी की। जूम के जरिये इजराइली संसद के सदस्यों को संबोधित करते हुए जेलेंस्की ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर यूक्रेन मामले का ‘स्थाई समाधान’ निकालने की कोशिश करने का आरोप लगाया। नाजी जर्मनी द्वारा लगभग 60 लाख यहूदियों के नरसंहार के लिए इसी शब्द का इस्तेमाल किया गया था।
जेलेंस्की ने बाबी यार पर हुए हमले का किया जिक्र 
जेलेंस्की ने यूक्रेन में बाबी यार पर हाल ही में हुए एक रूसी मिसाइल हमले का भी जिक्र किया, जहां 1941 में नाजियों ने दो दिनों के भीतर 30,000 से अधिक यहूदियों का नरसंहार किया था। बाबी यार अब नरसंहार के शिकार लोगों को समर्पित, यूक्रेन का मुख्य स्मारक स्थल है। इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट रूस और यूक्रेन के बीच एक प्रमुख मध्यस्थ के रूप में उभरे हैं, क्योंकि इजराइल के दोनों पक्षों के साथ अच्छे संबंध हैं। यहूदी मूल के जेलेंस्की ने इजराइल से पश्चिमी देशों के नक्शेकदम पर चलते हुए रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने और यू्क्रेन को सैन्य मदद मुहैया कराने की अपील की।

बीजिंग ने यूक्रेन युद्ध के बीच रूस को सैन्य सहायता प्रदान नहीं की : चीनी राजदूत

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