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रूसी सेना ने यूक्रेन के प्रमुख बंदरगाह पर किया कब्जा

रूसी सेना ने यूक्रेन के एक प्रमुख बंदरगाह पर नियंत्रण कर लिया और देश को उसकी तटरेखा से अलग करने के प्रयासों के तहत एक अन्य की घेराबंदी कर ली है।

04:19 AM Mar 04, 2022 IST | Shera Rajput

रूसी सेना ने यूक्रेन के एक प्रमुख बंदरगाह पर नियंत्रण कर लिया और देश को उसकी तटरेखा से अलग करने के प्रयासों के तहत एक अन्य की घेराबंदी कर ली है।

रूसी सेना ने यूक्रेन के प्रमुख बंदरगाह पर किया कब्जा
रूसी सेना ने यूक्रेन के एक प्रमुख बंदरगाह पर नियंत्रण कर लिया और देश को उसकी तटरेखा से अलग करने के प्रयासों के तहत एक अन्य की घेराबंदी कर ली है। वहीं, यूक्रेन ने अपने नागरिकों से आक्रमणकारियों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध छेड़ने का आह्वान किया है।
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डनाइपर नदी पर बसे शहर एनेरहोदार में लड़ाई तब हुई है जब दोनों पक्षों ने खूनखराबे को रोकने के उद्देश्य से एक और दौर की वार्ता के लिए बैठक की। यह शहर देश के लिए करीब एक चौथाई ऊर्जा उत्पादन के लिए जिम्मेदार है।
ओरलोव ने निवासियों से अपने घरों को न छोड़ने का किया अनुरोध 
यूरोप में सबसे बड़े परमाणु संयंत्र के स्थल एनेरहोदार के मेयर ने कहा कि यूक्रेन की सेना शहर के बाहरी इलाकों में रूसी सेना से लड़ रही है। दिमित्रो ओरलोव ने निवासियों से अपने घरों को न छोड़ने का अनुरोध किया।
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यूक्रेन को तटरेखा से अलग करने का देश की अर्थव्यवथा पर करारा असर पड़ेगा और रूस को क्रीमिया तक उसकी सीमा से एक जमीनी गलियारा बनाने में मदद मिलेगी।
रूसी सेना ने कहा कि उसके पास खेरसॉन का नियंत्रण था, और स्थानीय यूक्रेनी अधिकारियों ने पुष्टि की कि रूसी बलों ने काला सागर बंदरगाह में स्थानीय सरकारी मुख्यालय पर कब्जा कर लिया है, जिससे यह एक सप्ताह पहले आक्रमण शुरू होने के बाद से कब्जे में आने वाला पहला बड़ा शहर बन गया।
राजधानी कीव के बाहर भी टैंक और अन्य वाहन खड़े नजर आये 
राजधानी कीव के बाहर भी टैंक और अन्य वाहन खड़े नजर आ रहे है। आजोव सागर, मारियुपोल पर एक और रणनीतिक बंदरगाह शहर के बाहरी इलाके में बृहस्पतिवार को जबरदस्त लड़ाई जारी रही। बिजली और फोन कनेक्शन काफी हद तक बंद हैं, और घरों तथा दुकानदारों को भोजन और पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
फोन कनेक्शन उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में चिकित्सकों को नहीं पता था कि घायलों को कहां ले जाना है।
‘द एसोसिएटेड प्रेस’ को जारी संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के आंकड़े के अनुसार युद्ध के केवल सात दिनों में, यूक्रेन की दो प्रतिशत से अधिक आबादी को देश से बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
रूस के हमले के बाद यूक्रेन में कम से कम 227 नागरिकों की मौत –  संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय का कहना है कि रूस के हमले के बाद यूक्रेन में कम से कम 227 नागरिकों की मौत हुई है और 525 अन्य लोग घायल हुए हैं।
यू्क्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि रूस की थल सेना को रोक दिया गया है और मॉस्को अब हवाई हमले कर रहा हे लेकिन खेरसॉन समेत अन्य क्षेत्रों में यूक्रेन की रक्षा प्रणालियां इन हमलों को रोक रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘कीव ने एक और मिसाइल तथा बम हमले को झेला। हमारे वायु रक्षा प्रणालियों ने काम किया। खरेजॉन, लीयुम-अन्य सभी शहर जहां हवाई हमला किया गया, उन्होंने हार नहीं मानी।’’
राजधानी में रात भर धमाकों की आवाज सुनी गयी
कीव के मयेर विताली क्लित्श्चको ने कहा कि राजधानी में रात भर धमाकों की आवाज सुनी गयी।
खेरसॉन में, रूसी बलों ने क्षेत्रीय प्रशासन मुख्यालय, हेनादी लाहुता, पर कब्जा कर लिया। क्षेत्र के गवर्नर ने यह जानकारी दी।
खेरसॉन के मेयर इगोर कोल्यखेव ने पहले कहा था कि राष्ट्रीय ध्वज अभी भी लहरा रहा था, लेकिन शहर में कोई यूक्रेनी सैनिक नहीं थे।
जेलेंस्की ने बृहस्पतिवार तड़के देश को दिए संबोधन में राष्ट्र के प्रतिरोध की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसे लोग हैं जिन्होंने एक सप्ताह में दुश्मन की योजनाओं को धराशायी कर दिया है। उनकी यहां कोई जगह नहीं होगी। उनके पास कोई भोजन नहीं होगा। वे यहां एक पल भी शांति से नहीं रह पाएंगे।’’
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Shera Rajput

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