भारतीय नौसेना में शामिल हुआ INS तमाल, ब्रह्मोस से लैस रूसी युद्धपोत; आत्मनिर्भरता से पहले आखिरी विदेशी युद्धपोत
भारतीय नौसेना ने मंगलवार को रूसी निर्माणाधीन INS तमाल को अपने बेड़े में शामिल कर लिया। यह एक गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट है, जिसमें दोहरी भूमिका निभाने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलें तैनात हैं। INS तमाल का निर्माण रूस के कालिनिनग्राद स्थित यांतर शिपयार्ड में हुआ और यहीं इसका कमिशनिंग समारोह भी संपन्न हुआ। नौसेना के अनुसार, यह विदेश से आयात किया गया अंतिम युद्धपोत है, क्योंकि भारत अब रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है।
INS तमाल: समुद्र में चलता ‘किला’
INS तमाल को "समुद्र में चलने वाला दुर्ग" बताया गया है। यह जहाज चारों आयामों—हवा, सतह, पानी के नीचे और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक—में नौसैनिक युद्ध संचालन में सक्षम है। यह प्रोजेक्ट 1135.6 (तुषिल क्लास) के तहत तैयार आठवां मल्टी-रोल स्टेल्थ फ्रिगेट है और तुषिल क्लास की दूसरी जहाज है। पहली जहाज INS तुषिल को दिसंबर 2024 में नौसेना में शामिल किया गया था। INS तमाल को करवार (कर्नाटक) में तैनात किया जाएगा। इसकी कमान कैप्टन श्रीधर टाटा के पास है, जो मिसाइल और तोपखाना युद्ध विशेषज्ञ हैं। जहाज में लगभग 250 नाविक और 26 अधिकारी तैनात होंगे।
INS तमाल की हथियार प्रणाली और क्षमताएँ
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलें (डुअल रोल क्षमता)
Shtil-1 वर्टिकल लॉन्च सरफेस टू एयर मिसाइलें
100 मिमी मुख्य तोप
30 मिमी क्लोज इन वेपन सिस्टम (CIWS)
ASW रॉकेट्स और हैवीवेट टॉरपीडोज
एनबीसी (Nuclear, Biological, Chemical) डिफेंस सिस्टम
ऑटोमेटेड डैमेज कंट्रोल और फायर फाइटिंग सिस्टम
INS तमाल ने सभी रूसी हथियार प्रणालियों का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
‘उदयगिरि’ भी तैयार, जल्द हो सकता है कमिशन
मंगलवार को ही नौसेना को प्रोजेक्ट 17A के तहत बनी दूसरी स्टेल्थ फ्रिगेट यार्ड 12652 ‘उदयगिरि’ भी सौंप दी गई। इसका निर्माण मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDSL) में हुआ है। यह शिवालिक क्लास (प्रोजेक्ट 17) की अगली पीढ़ी की फ्रिगेट है, जिसमें अत्याधुनिक हथियार और सेंसर लगे हैं।