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रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भी भारत ने मॉस्को से तेल खरीदना जारी रखा है।जिसकी वजह से उसे कई बार आलोचना का सामना करना पड़ा है। एक बार फिर सवाल उठने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि कई विकल्प रखने के लिए भारत (India) की आलोचना नहीं की जानी चाहिए। इसके साथ ही रूसी तेल खरीदने से अपने रुख और प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की।
आपको बता दें विदेश मंत्री जयशंकर फिलहाल जर्मनी के म्यूनिख पहुंचे हुए हैं। यहां 60वां म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (एमएससी) 16-18 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान जयशंकर ने अमेरिका (America) के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक के साथ संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर वाशिंगटन डीसी और मॉस्को के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों के संतुलन पर विस्तार से चर्चा की।
भारत की विदेश नीति प्राथमिकताओं के बारे में पूछे जाने पर एस जयशंकर ने कहा, 'क्या यह समस्या है, यह समस्या क्यों होनी चाहिए? अगर मैं इतना स्मार्ट हूं कि कई विकल्पों को रख सकता हूं, तो आपको मेरी प्रशंसा करनी चाहिए। क्या यह दूसरों के लिए एक समस्या है? मुझे ऐसा नहीं लगता है। हम यह समझाने की कोशिश करते हैं कि देशों के बीच क्या-क्या अलग-अलग खींचतान और दबाव हैं। एकतरफा संबंध रखना बहुत मुश्किल है।' मॉडरेटर ने यूक्रेन पर मॉस्को के आक्रमण के बावजूद रूस से भारत की कच्चे तेल की निरंतर खरीद पर सवाल किया था, जिसका जवाब विदेश मंत्री जयशंकर दे रहे थे। इस दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन मुस्कुराते नजर आए।
इसके साथ ही जयशंकर ने आगे कहा, 'मैं नहीं चाहता कि आप, यहां तक कि अनजाने में यह धारणा बनाएं कि हम गलत तरीके से लेन-देन कर रहे हैं। हम ऐसा बिल्कुल नहीं कर रहे हैं। हम लोगों के साथ मिलते हैं। हम चीजों में विश्वास करते हैं। फिर हम चीजों को साझा करते हैं। हालांकि ऐसा समय भी होता है, जब आप अलग-अलग जगहों पर रहते हैं तो विकास के विभिन्न स्तर, अलग-अलग अनुभव, यह सब इसमें शामिल हो जाते हैं।'