टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

साहिर के वतन में आज भी शायरी जिंदा है : दानिश भारती

उर्दू अदब की इतिहासिक संस्था बज्मे हबीब के अध्यक्ष गुलाम हसन कैसर के निमंत्रण पर आज यहां फील्ड गंज में एक खूबसूरत महफिल-ए-शायरी का आयोजन किया गया

10:08 PM Dec 09, 2018 IST | Desk Team

उर्दू अदब की इतिहासिक संस्था बज्मे हबीब के अध्यक्ष गुलाम हसन कैसर के निमंत्रण पर आज यहां फील्ड गंज में एक खूबसूरत महफिल-ए-शायरी का आयोजन किया गया

लुधियाना : उर्दू अदब की इतिहासिक संस्था बज्मे हबीब के अध्यक्ष गुलाम हसन कैसर के निमंत्रण पर आज यहां फील्ड गंज में एक खूबसूरत महफिल-ए-शायरी का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता श्री डी.के सचदेवा उर्फ दानिश भारती ने की। इस अवसर पर मुख्य मेहमान हाजी बाबा हाफिज मुहम्मद इकराम का नायब शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी ने सम्मान भी किया।

Advertisement

शायरी की इस महफिल में वरुण आनंद, अशफाक अहमद, सागर सायालकोटी, तरसेम नूर, मनोहर विजय, हस्सान नसीराबादी, रजनीश वर्मा,राजिंदर राजन, काफिर जलंधरी, गुरचरण नारंग, बसित अली बेताब, सैम मुसाफिर ने अपना ताजा कलाम पेश किया।

पंजाब विधान सभा के आगामी सत्र में लाया जाए आतंकवाद पीडित की मदद के लिए प्रस्ताव- हिन्दू महासभा

इस अवसर पर महफिल की अध्यक्षता करते हुए जनाब दानिश भारती ने कहा की लुधियाना शहर ने जहां स्वतंत्रता संग्राम और उद्योग में अपना नाम कमाया है वहीं शायरी की दुनिया में साहिर लुधियानवी जैसे सपूत इस धरती पर पैदा हुए, जिन्होंने साहित्य की दुनिया में अपने शहर को एक अलग पहचान दी है। दानिश भारती ने कहा कि साहिर के वतन में आज भी शायरी जिंदा हैं, लुधियानवीओं का शायरी सुनने का अंदाज भी बड़ा सम्मान जनक है।

उन्होंने ने कहा कि बज्मे हबीब शहर की एक पुरानी और मशहूर अदब नवाज संस्था है जो की प्रसिद्ध मरहूम मौलाना मुहम्मद अहमद रहमानी ने देश के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी मौलाना हबीब उर रहमान लुधियानवी प्रथम के नाम पर 1956 में स्थापित की थी। दानिश ने कहा की बज्मे हबीब लुधियानवियों का एक गुलदस्ता है जिसकी खुशबू चारों ओर फैली हुई है।

इस अवसर पर नायब शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी ने सभी शायरों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि शायरी दिल की आवाज होती है इसे लफ्जों में ढालना हर एक के बस की बात नहीं, जो शायर होते हैं वह जिंदा दिल होते हैं। निडर और साफ छवि वाले शायर एक अच्छा समाज बनाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। नायब शाही इमाम ने कहा कि अगर हम इतिहास उठा कर देखें तो शायरी में सिर्फ इश्क और मजा ही नहीं है बल्कि यह शायर जंग-ए-आजादी में दिलों में गर्माहट पैदा करते भी नजर आते हैं। उस्मान रहमानी ने कहा कि आज जरुरत है कि नौजवान नसल में अच्छी शायरी के प्रति जागरूकता लाई जाए।

– रीना अरोड़ा

Advertisement
Next Article