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सबरीमाला मंदिर को 28 दिनों में हुआ 104 करोड़ रूपये से अधिक का राजस्व संग्रहण

केरल के सबरीमाला में साल में दो महीने तक चलने वाले तीर्थाटन में इस बार पहले 28 दिनों में रविवार को राजस्व संग्रहण 104 करोड़ रूपये को पार कर गया। पिछले साल समान अवधि में 64 करोड़ रूपये राजस्व संग्रहण हुआ था।

02:54 PM Dec 15, 2019 IST | Shera Rajput

केरल के सबरीमाला में साल में दो महीने तक चलने वाले तीर्थाटन में इस बार पहले 28 दिनों में रविवार को राजस्व संग्रहण 104 करोड़ रूपये को पार कर गया। पिछले साल समान अवधि में 64 करोड़ रूपये राजस्व संग्रहण हुआ था।

सबरीमाला मंदिर को 28 दिनों में हुआ 104 करोड़ रूपये से अधिक का राजस्व संग्रहण
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सबरीमला : केरल के सबरीमाला में साल में दो महीने तक चलने वाले तीर्थाटन में इस बार पहले 28 दिनों में रविवार को राजस्व संग्रहण 104 करोड़ रूपये को पार कर गया। पिछले साल समान अवधि में 64 करोड़ रूपये राजस्व संग्रहण हुआ था।
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इस पहाड़ी मंदिर का प्रबंधन संभालने वाले त्राणवकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) ने बताया कि 17 नवंबर को मंडलम मकरविलाक्कू तीर्थाटन के लिए खुलने के बाद से मंदिर ने 104.72 करोड़ रूपये का राजस्व अर्जित किया है।
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बोर्ड के अध्यक्ष एन वासु ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ 17 नवंबर को मंदिर के खुलने से लेकर आज तक उसका कुल राजस्व 104.72 करोड़ रूपये रहा है। पिछले साल इस अविध में उसका राजस्व संग्रहण 64.16 करोड़ रूपये था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमें पांच करोड़ रूपये मूल्य के सिक्कों की गिनती करनी है। हम अदालत की अनुमति से सिक्कों का वजन कर उसका मूल्य निर्धारण करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि यह राजस्व आनंदम (तीर्थयात्रियों के लिए मुफ्त भोजन) के वास्ते दान, प्रसादम की बिक्री तथा देवता पर चढ़ाये गये सिक्के के रूप में मिला।
पिछले साल मंदिर और टीडीबी को राजस्व का बड़ा नुकसान हुआ था क्योंकि मंदिर और उसके आसपास उन्मत श्रद्धालुओं और दक्षिणपंथी राजनीतिक दलों ने उच्चतम न्यायालय के 28 सितंबर, 2018 के फैसले को लेकर व्यापक प्रदर्शन किया था। इस फैसले में सभी उम्र की महिलाओं को इस मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गयी थी।
हालांकि शीर्ष अदालत ने इस साल 14 नवंबर को कहा कि सात न्यायाधीशों की उसकी पीठ सबरीमला मंदिर और मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश, दाउदी बोहरा समुदाय में महिलाओं का खतना समेत विभिन्न धार्मिक मुद्दों का पुनर्परीक्षण करेगी।
उसके बाद केरल सरकार ने शीर्ष अदालत के 28सितंबर, 2018 के फैसले का क्रियान्वयन रोक दिया। फलस्वरूप बड़ीसंख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं।
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Shera Rajput

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