'एक बेटे की बलि देकर दूसरे...', तेज प्रताप के निष्कासन पर JDU ने लालू परिवार को घेरा
तेज प्रताप के निष्कासन को जेडीयू ने बताया ‘राजनीतिक ड्रामा’
बिहार की राजनीति में हलचल मचाने वाले तेज प्रताप यादव के निष्कासन पर जेडीयू नेता मनीष वर्मा ने लालू परिवार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि लालू यादव ने जानबूझकर एक बेटे की बलि देकर दूसरे को ताकतवर बनाने का प्रयास किया। इस फैसले को उन्होंने ‘राजनीतिक ड्रामा’ करार दिया।
Bihar Politics: बिहार की राजनीति एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. जिसके पीछे की वजह आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव का पार्टी और उनके पारिवारिक स्तर पर निष्कासन है. इस बीच अब पूरे मामले पर जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
बीते दिन बुधवार को पूर्णिया में मीडिया से बातचीत के दौरान मनीष वर्मा ने तेज प्रताप यादव के खिलाफ लिए गए फैसले को सिरे से खारिज किया. उन्होंने कहा कि लालू यादव ने जानबूझकर एक बेटे की बलि देकर दूसरे को राजनीतिक रूप से ताकतवर बनाने का प्रयास किया है. उनका इशारा साफ तौर पर तेजस्वी यादव की ओर था.
पूरा मामला ‘राजनीतिक ड्रामा’
जेडीयू नेता मनीष वर्मा ने तेज प्रताप के निष्कासन को ‘नाटक’ करार देते हुए कहा कि यह पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने सवाल उठाया कि यह कैसा निर्णय है जिसमें किसी को सिर्फ पार्टी से नहीं, बल्कि परिवार से भी बाहर कर दिया गया?
परिवार से निष्कासन पर उठाए गंभीर सवाल
मनीष वर्मा ने तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने तो अब तक सिर्फ पार्टी से निष्कासन के बारे में सुना था, लेकिन यह पहली बार है जब कोई अपने ही परिवार से बाहर किया गया हो. उन्होंने इसे हास्यास्पद और नैतिकता के खिलाफ बताया.
साथ ही, लालू यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो दूसरों को नैतिकता का पाठ पढ़ाते हैं, वे खुद अनैतिक कार्यों में लिप्त हैं. मनीष वर्मा ने कहा कि ‘कुकर्म’ होने के बाद अब पर्दा ढंकने की कोशिश हो रही है. तेज प्रताप के खिलाफ कार्रवाई नौटकी है. अब इसका फैसला जनता करेगी.
‘तेज प्रताप-अनुष्का अब तक नहीं आए सामने’
इस पूरे विवाद पर तेज प्रताप यादव और उनकी पत्नी अनुष्का यादव अभी तक मीडिया के सामने नहीं आए हैं. अनुष्का के भाई आकाश ने कहा है कि पहले तेज प्रताप अपनी बात सार्वजनिक करेंगे, उसके बाद अनुष्का भी अपनी प्रतिक्रिया देंगी.
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बिहार की राजनीति में छिड़ी नई बहस
यह मामला अब सिर्फ पारिवारिक विवाद नहीं रहा, बल्कि बिहार की राजनीति में एक अहम मुद्दा बन चुका है. जनता की नजर अब इस बात पर है कि आने वाले दिनों में लालू परिवार और आरजेडी में क्या बदलाव होते हैं.