Sadhguru Quotes: सद्गुरु के प्रेरक वचन, योग, कर्म और नियति का महत्व
आपका कर्म आपके अनुभव और प्रतिक्रिया से बनता है
“योग का यही मतलब है: अपनी व्यक्तिगत सीमाओं को सचेतन रूप से मिटाना ताकि आप एक सर्वव्यापी उपस्थिति बन जाएं”
“अगर आप संतुलित हैं, तो आप जीवन के संग चलेंगे”
“विविधता एक ताकत है। इस संस्कृति में विविधता समृद्धि से आई है, विभाजन से नहीं”
“आपका कर्म उससे नहीं बनता जो आपके साथ हो रहा है। आपके साथ जो हो रहा है, आप उसे कैसे अनुभव और रेस्पांड करते हैं, कर्म उससे बनता है”
“बाजार और रिश्तों के, दौलत और जायदाद के, देवतावों और शैतानों के शोरगुल से परे, मौन का एक मंदिर है। यहीं पर प्राणी बनाए और मिटाए जाते हैं”
“जीवन एक सपना है, पर यह सपना सच है”
“आपकी नियति, आपके सारे कार्यों और आपके द्वारा ग्रहण किए गए प्रभावों का इकट्ठा परिणाम है”
“अगर आपका मन, शरीर, और ऊर्जा अच्छी तालमेल में हैं, तो आप किसी भी गति और मात्रा में सोच सकते हैं”
“मूल रूप से, सारे योगाभ्यासों का लक्ष्य आपकी ऊर्जा, आपकी जागरूकता, और आपकी उपस्थिति को बढ़ाना है”