Holi पर Make in India सामानों की बढ़ी बिक्री, चाइनीज सामानों की मांग हुई कम
हर्बल रंगों और मोदी मुखौटों की होली बाजार में भारी बिक्री
इस होली पर ‘मेक इन इंडिया’ के सामानों की बिक्री में भारी वृद्धि देखी गई। बाजारों में चाइनीज सामानों की मांग कम हुई, जबकि भारतीय पिचकारियों और मुखौटों की मांग बढ़ी। दुकानदारों के अनुसार, भारतीय पिचकारियां टिकाऊ और मजबूत होती हैं। इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखौटे की भी भारी मांग रही। हर्बल रंगों और गुलाल को भी प्राथमिकता दी गई।
होली के त्योहार की रौनक से बाजार सजे रहे। देशभर में होली का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। लेकिन इस बार होली के लिए सजे बाजारों में चाईना नहीं बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ के सामनों का असर दिखाई दिया। बता दें कि पिछले सालों में चीनी सामानों का बोलबाला था, वहीं इस बार घरेलु उत्पादों की बिक्री में भारी वृद्धि देखी गई।
भारतीय पिचकारियों की मांग
होली के त्योहार पर बच्चों और युवाओं के लिए पिचकारियों ने हमेशा ध्यान खींचा है। पहले बाजारों में चीन की बनी पिचकारियों की भरमार रहती थी, लेकिन इस बार भारतीय निर्मित पिचकारियों की मांग ज्यादा हुई। दुकानदारों के अनुसार भारतीय पिचकारियां चाइनीज पिचकारियों से ज्यादा मजबूत और टिकाऊ होती हैं। यही कारण है कि इनकी मांग इस बार ज्यादा बढ़ी और लोग स्वदेशी उत्पादों की ओर रुख कर रहे हैं।
PM मोदी के मुखौटे की मांग
पिचकारियों के साथ ही होली के बाजार में मुखौटों की मांग भी हमेशा रहती है। मुखौटे में सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखौटे की भारी मांग देखी गई। दुकानदारों का कहना है कि हर साल बॉलीवुड और राजनीतिक हस्तियों के मुखौटे बाजार में आते हैं। लेकिन, इस बार PM मोदी के मुखौटे की बिक्री सबसे ज्यादा हुई। साथ ही इस बार लोगों ने हर्बल रंगों और गुलाल को प्राथमिकता दी है क्योंकि हर्बल रंग सुरक्षित होते हैं और शरीर को ठंडक भी देते हैं इसलिए प्राकृतिक गुलाल और हर्बल रंगों का ही इस्तेमाल करना चाहिए।