Sambhal Violence: SIT ने दाखिल की चार्जशीट, 23 लोगों पर आरोप तय, घेरे में आए सांसद बर्क
Sambhal Violence: SIT ने दाखिल की चार्जशीट
इस गंभीर मामले की जांच विशेष जांच दल (SIT) द्वारा की जा रही थी. अब जांच पूरी कर SIT ने लगभग 1200 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है. यह आरोप पत्र क्राइम नंबर 335 से संबंधित केस में दाखिल किया गया है.
Sambhal Violence: संभल हिंसा मामले में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है. इस चार्जशीट में समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और एक सपा विधायक के बेटे सुहैल इकबाल समेत 23 व्यक्तियों के को आरोपी बनाया गया है. यह चार्जशीट चंदौसी स्थित एमपी/एमएलए कोर्ट में प्रस्तुत की गई है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस गंभीर मामले की जांच विशेष जांच दल (SIT) द्वारा की जा रही थी. अब जांच पूरी कर SIT ने लगभग 1200 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है. यह आरोप पत्र क्राइम नंबर 335 से संबंधित केस में दाखिल किया गया है. इसमें सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक के बेटे सुहैल इकबाल के अलावा 700 से 800 अज्ञात व्यक्तियों को भी आरोपी बनाया गया है.
पुलिस पूछताछ में हुआ अहम खुलासा
जांच के दौरान एक बड़ा खुलासा हुआ जब जामा मस्जिद के सदर जफर अली को पुलिस ने गिरफ्तार कर पूछताछ की. पूछताछ में उन्होंने बताया कि जिस रात सर्वेक्षण चल रहा था, उसी समय उन्हें सांसद जियाउर्रहमान बर्क का फोन आया था. यह जानकारी जांच के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुई, जो अब चार्जशीट का हिस्सा बन गई है.
क्या हुआ था 24 नवंबर 2023 को?
पिछले साल 24 नवंबर को संभल स्थित शाही जामा मस्जिद में जब सर्वेक्षण की दूसरी प्रक्रिया शुरू हुई, तो वहां अचानक तनाव का माहौल बन गया और स्थिति इतनी बिगड़ गई कि हिंसा भड़क उठी. इस हिंसक घटना में चार लोगों की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि कई पुलिसकर्मी समेत अन्य लोग घायल हुए थे. इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया था.
क्या थी विवाद की जड़?
इस विवाद के पीछे हिंदू पक्ष का एक दावा भी शामिल है. उनका कहना है कि शाही जामा मस्जिद उस स्थान पर बनी है, जहां कभी हरिहर मंदिर स्थित था. इस दावे के चलते मस्जिद पर सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू हुई थी, जिससे क्षेत्र में तनाव फैल गया था और अंततः यह हिंसा में बदल गया.
न्यायिक प्रक्रिया का अगला कदम
अब जब SIT ने अपनी जांच पूरी कर ली है और चार्जशीट अदालत में जमा कर दी गई है, तो कोर्ट जल्द ही आरोपियों के खिलाफ सुनवाई की प्रक्रिया शुरू करेगा. यह देखना अहम होगा कि इस मामले में सपा सांसद, विधायक पुत्र और अन्य आरोपितों के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई होती है.
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