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संजय सिंह ने बस मार्शलों और CDV की नियुक्ति पर चर्चा के लिए शून्यकाल नोटिस जारी किया

आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने बुधवार को बस मार्शलों और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की नियुक्ति के मुद्दे पर संसद में शून्यकाल नोटिस दिया

06:01 AM Dec 04, 2024 IST | Aastha Paswan

आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने बुधवार को बस मार्शलों और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की नियुक्ति के मुद्दे पर संसद में शून्यकाल नोटिस दिया

आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने बुधवार को बस मार्शलों और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की नियुक्ति के मुद्दे पर संसद में शून्यकाल नोटिस दिया। दिल्ली में सार्वजनिक बसों में नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों (सी.डी.वी.) को मार्शल के रूप में नियुक्त करने के मुद्दे पर आप सरकार और भाजपा के बीच विवाद शुरू हो गया।

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बस मार्शलों और CDV की नियुक्ति पर चर्चा

पिछले साल अक्टूबर में दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा उनकी सेवाएं समाप्त किए जाने के बाद अक्टूबर में बस मार्शलों ने अपनी बहाली के लिए विरोध प्रदर्शन किया था। इन बस मार्शलों को राष्ट्रीय राजधानी में चलने वाली बसों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियुक्त किया गया था। इससे पहले 3 दिसंबर को आप सांसद राघव चड्ढा ने राष्ट्रीय राजधानी में ‘बिगड़ती कानून व्यवस्था’ की स्थिति और ‘अपराधों में वृद्धि’ पर चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत राज्यसभा में स्थगन नोटिस दायर किया था।

बस मार्शलों और CDV की नियुक्ति पर चर्चा

पिछले साल अक्टूबर में दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा उनकी सेवाएं समाप्त किए जाने के बाद अक्टूबर में बस मार्शलों ने अपनी बहाली के लिए विरोध प्रदर्शन किया था। इन बस मार्शलों को राष्ट्रीय राजधानी में चलने वाली बसों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियुक्त किया गया था। इससे पहले 3 दिसंबर को आप सांसद राघव चड्ढा ने राष्ट्रीय राजधानी में ‘बिगड़ती कानून व्यवस्था’ की स्थिति और ‘अपराधों में वृद्धि’ पर चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत राज्यसभा में स्थगन नोटिस दायर किया था।

दिल्ली में बढ़ते अपराध

सिंह ने नोटिस में कहा, “2024 के प्रमुख समाचार पत्रों के आंकड़े राजधानी में अपराध की चिंताजनक स्थिति को उजागर करते हैं। डकैती के मामलों में 23 प्रतिशत, चोरी के मामलों में 25.2 प्रतिशत और हत्या के प्रयास में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।” नोटिस में आगे कहा गया है, “मेट्रो शहरों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की सूची में दिल्ली सबसे ऊपर है। इससे कानून व्यवस्था की कार्यप्रणाली में खामियां साफ झलकती हैं।

(News Agency)

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